राजस्थान के जैसलमेर में शुक्रवार को भारतीय सेना ने अपनी ताकत और युद्धक क्षमता का ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने रेगिस्तान की रेत को भी गूंजा दिया। तपते मरुस्थल में सेना ने अपने ‘संयुक्त हथियार अभियान’ (Combined Arms Operation) का भव्य प्रदर्शन कर यह साबित कर दिया कि भारतीय सेना हर परिस्थिति में दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
इस सैन्य अभ्यास में थलसेना के साथ-साथ वायुसेना के लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, टैंक, तोपें, और पैदल सेना के जवानों ने भी हिस्सा लिया। सेना ने युद्ध जैसी परिस्थितियों का सजीव प्रदर्शन करते हुए हवाई हमले, टैंक मूवमेंट, और जमीनी अभियान को एक साथ संचालित किया। इस दौरान गोले-बारूद की गूंज और टैंकों की गर्जना से पूरा मरुस्थल थर्रा उठा।
अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सेना की संयुक्त संचालन क्षमता और समन्वय को परखना था। युद्ध के समय वायुसेना, थलसेना और तोपखाने के बीच कितनी तेजी और सटीकता से तालमेल बिठाया जा सकता है — यह अभ्यास उसी का उदाहरण रहा। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस प्रकार के अभियान आधुनिक युद्ध प्रणाली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि आज के दौर में लड़ाई केवल एक मोर्चे पर नहीं, बल्कि बहुआयामी रणनीति के तहत लड़ी जाती है।
अभ्यास के दौरान आधुनिक टैंकों, ड्रोन, एंटी-टैंक मिसाइलों और स्वचालित तोपों का भी उपयोग किया गया। हेलिकॉप्टरों ने दुश्मन क्षेत्र में उतरने और सैनिकों की त्वरित तैनाती का प्रदर्शन किया। वहीं, लड़ाकू विमानों ने आकाश से बमबारी कर जमीनी सैनिकों को सहयोग दिया। पूरा अभियान इतनी सटीकता और योजना के साथ संचालित हुआ कि देखने वाले अधिकारी और आमंत्रित मेहमान प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके।
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि इस संयुक्त अभियान का उद्देश्य सैनिकों की मैदान में त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करना और किसी भी संभावित खतरे के लिए तैयार रहना है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना लगातार अपने प्रशिक्षण और तकनीक को आधुनिक बना रही है ताकि किसी भी परिस्थिति में राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
जैसलमेर का मरुस्थलीय इलाका लंबे समय से सेना के लिए रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में किए गए ऐसे अभ्यास सैनिकों की मानसिक और शारीरिक दृढ़ता को भी परखते हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब टैंकों और विमानों की आवाजें पूरे क्षेत्र में गूंज उठीं, तो ऐसा लगा मानो रेगिस्तान खुद सेना की शक्ति के सामने सलामी दे रहा हो।
इस शानदार प्रदर्शन के साथ भारतीय सेना ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं और सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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