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राजस्थान में सिविल डिफेंस की अचानक कार्रवाई से मचा हड़कंप! 3 मंजिला बिल्डिंग पर गरजे क्रेन और बुलडोजर

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राजस्थान के श्रीगंगानगर में बीरबल चौक के पास वार्ड 64 खटीक मोहल्ला में एक जर्जर तीन मंजिला इमारत लगातार हो रही बारिश का पानी नहीं झेल पाई और अचानक झुक गई। गुरुवार सुबह जब लोगों को इस इमारत के झुकने की जानकारी मिली तो अचानक अफरा-तफरी मच गई।

विधायक जयदीप बिहानी ने मौके पर आकर देखा, तो लोग जमा हो गए। विधायक की सूचना पर उपखंड अधिकारी, नगर परिषद और तहसीलदार भी आ गए। दोपहर बारह बजे के बाद इमारत को गिराने का फैसला लिया गया। इससे पहले, सिविल डिफेंस की टीम ने आकर पूरी इमारत को घेर लिया और नीचे चल रही चार दुकानों का सामान हटा दिया। नगर परिषद के एक्सईएन मंगत राय सेतिया ने पूरी घटना की जानकारी लेने के बाद तहसीलदार और उपखंड अधिकारी से चर्चा की और इमारत का सुरक्षा सर्वेक्षण करवाया।

छत गिरने से हुआ झुकाव

चौबीस घंटे पहले हुई बारिश के कारण इमारत की तीसरी मंजिल पर बने कमरे की छत गिर गई थी, जिसके बाद यह इमारत अचानक एक तरफ से झुक गई। यह देखकर पड़ोसी दुकानदारों ने हंगामा खड़ा कर दिया। दुकानदारों का कहना था कि इमारत कभी भी गिर सकती है। इससे उनकी दुकानों को नुकसान होगा। सूचना मिलने पर विधायक ने आकर स्थिति का जायजा लिया।

क्रेन का हुक लगते ही दीवारें गिरने लगीं
नगर परिषद प्रशासन ने क्रेन और बुलडोजर मंगवाया। जैसे ही क्रेन का हुक तीसरी मंजिल की दीवार से टकराया, दीवार गिर गई। क्रेन ने पहले तीसरी मंजिल और फिर दूसरी मंजिल को गिराना शुरू किया। लोगों की भीड़ देखकर जवाहर नगर पुलिस ने पुलिस बल तैनात कर दिया। नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों ने सुरक्षा व्यवस्था की।

नगर परिषद की लापरवाही सामने आई

पूर्व पार्षद गौरीशंकर महेंद्रा ने वर्ष 1960-1965 में अपने बेटे अनिल के नाम पर इस इमारत का निर्माण कराया था। निवर्तमान पार्षद बाबूलाल निर्वाण ने आरोप लगाया कि बीरबल चौक से गुरुनानक बस्ती तक जाने वाले मुख्य नाले की कभी सफाई नहीं हुई। यह पानी रिसकर दुकानों और मकानों की नींव में जा रहा है, जिससे पुरानी इमारतें जर्जर हो रही हैं।

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