दौसा जिले के गांव गुर्जर सीमला के एक परिवार ने एक रुपया लेकर अपने बेटे की शादी करवाई। यह शादी गुर्जर समाज के लिए अनूठी मिसाल रही। इसकी चारों तरफ सकारात्मक चर्चा रही। दरअसल, मेहंदीपुर बालाजी क्षेत्र के गांव गुर्जर सीमला निवासी विजय खटाना के पुत्र कुलदीप सिंह की शादी आभानेरी क्षेत्र (दौसा) के गांव जस्सा पाड़ा निवासी शिवचरण बैंसला की पुत्री अर्चना के साथ हुई। तय कार्यक्रम के अनुसार खटाना परिवार सोमवार शाम को गांव गुर्जर सीमला से बारात लेकर जस्सा पाड़ा गांव पहुंचा।
गुर्जर समाज की परंपराओं के अनुसार कुलदीप और अर्चना का विवाह धूमधाम से मनाया गया। बारात का स्वागत जलपान के बाद किया गया और वधू पक्ष की ओर से दहेज की परंपरा का पालन किया गया। दहेज में वर पक्ष को एक रुपया उपहार स्वरूप दिया गया। जिसे सहर्ष स्वीकार किया गया। दूल्हे के दादा रूप सिंह पटेल ने दहेज को सामाजिक बुराई बताते हुए विनम्रतापूर्वक दहेज में केवल एक कन्या और एक कलश स्वीकार कर समाज के सामने अनूठी मिसाल पेश की।
समाज के लोगों ने की सराहना
दूल्हा कुलदीप सिंह वर्तमान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है तथा उसके पिता विजय खटाना खेती-किसानी से जुड़े हैं। ऐसे में एक सामान्य किसान परिवार द्वारा दहेज प्रथा को रोकने के लिए की गई इस पहल को विवाह समारोह में उपस्थित सभी लोगों ने अनूठा एवं अनुकरणीय उदाहरण बताया। दूल्हे के पिता ने कहा कि विवाह में दुल्हन ही असली दहेज होती है। इसे साकार करने पर पूरा परिवार एवं रिश्तेदार खुश हैं। समाज में इस प्रकार की पहल को आसपास के क्षेत्र सहित पूरे जिले में सराहनीय कदम बताया गया है।
बेटियों की शादी भी एक रुपए में हुई
गुर्जर सिमला निवासी रूप सिंह पटेल के पुत्र चरण सिंह एवं विजय खटाना की बेटियों की शादी करीब तीन वर्ष पूर्व बाने का बरखेड़ा निवासी कसाना परिवार एवं रानी का बास गांव के चेची परिवार में हुई थी। उस समय भी उनकी ओर से एक रुपए दहेज के रूप में दिया गया था, जिसे वर पक्ष ने सहर्ष स्वीकार किया था। इसके बाद उन्होंने अपने बेटे की शादी में भी एक रुपए दहेज के रूप में लेकर सामाजिक बदलाव की मिसाल पेश की।
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