अब देश की पश्चिमी सीमा पर खाजूवाला से जैसलमेर तक रेलवे ट्रैक बिछाया जाएगा। भारतीय रेलवे ने इस प्रस्तावित रेलवे लाइन के लिए अंतिम लोकेशन सर्वे की स्वीकृति जारी कर दी है। 6.50 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत हो गया है। यह परियोजना सामरिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जल्द ही इस रेलखंड के लिए लाइन बिछाने का सर्वेक्षण शुरू हो जाएगा। इस रेलवे लाइन के निर्माण के बाद पर्यटन और व्यापार को भी पंख लगेंगे। लोगों को राजगोर और पर्यटकों को सुविधाएं मिलेंगी।
सीमावर्ती क्षेत्र को मिलेगी सीधी रेल कनेक्टिविटी
खाजूवाला-जैसलमेर के बीच लगभग 260 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित रेलवे लाइन श्रीगंगानगर से जैसलमेर होते हुए गुजरात के भुज तक सीधी रेल कनेक्टिविटी का रास्ता खोलेगी। इससे पहले, अनूपगढ़ से बीकानेर और खाजूवाला के बीच सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। नए रूट की मंजूरी से पश्चिमी सीमा क्षेत्र में रेल नेटवर्क की रीढ़ मजबूत होने जा रही है।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगी रेल लाइन
गौरतलब है कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल लंबे समय से खाजूवाला को जैसलमेर और बीकानेर से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं। उनका मानना है कि यह परियोजना सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगी। इससे सीमा सुरक्षा बलों की आवाजाही सुगम होगी। इससे औद्योगिक निवेश और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने भी सर्वेक्षण की मंजूरी के लिए केंद्र का आभार व्यक्त किया है।
पहली बार यहाँ रेल आएगी
खाजूवाला, छतरगढ़ और अनूपगढ़ जैसे कस्बों के हजारों लोग अभी भी रेलमार्ग से पूरी तरह कटे हुए हैं। जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर होने के कारण, परिवहन के लिए निजी बसों पर निर्भरता है। नई रेल लाइन इन ग्रामीण क्षेत्रों को सीधी सुविधा प्रदान करेगी, जिससे यात्रियों के लिए फलौदी, रामदेवरा, जैसलमेर और बाड़मेर जाना आसान हो जाएगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से रणनीतिक कदम
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत की पश्चिमी सीमाओं पर यातायात और सैन्य संसाधनों की गति को बढ़ाना प्राथमिकता बन गया है। अनूपगढ़-खाजूवाला-जैसलमेर रेल संपर्क से सीमावर्ती क्षेत्रों में तेज़ और निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित होगी, जो भविष्य में किसी भी चुनौती से निपटने में उपयोगी साबित हो सकती है।
रेल नेटवर्क के पुनर्निर्माण में राजस्थान की भूमिका
वर्तमान में, राजस्थान में पश्चिमी सीमा से लगे क्षेत्रों में रेलवे का पुनर्गठन कार्य जोरों पर है। बीकानेर-श्रीगंगानगर-अनूपगढ़ के बाद, अब खाजूवाला-जैसलमेर संपर्क राज्य के रेल मानचित्र में एक बड़ा विस्तार जोड़ने जा रहा है।
संभावित जिले जिनसे होकर यह रेल लाइन गुजर सकती है-
बीकानेर जिला
खाजूवाला इसी जिले में स्थित है, इसलिए रेल लाइन यहीं से शुरू होगी।
श्रीगंगानगर जिला
कुछ हिस्सा श्रीगंगानगर जिले को भी छू सकता है।
बाड़मेर और जैसलमेर जिला
रेल लाइन से बाड़मेर और जैसलमेर जिलों के लोगों को भी लाभ होगा।
खाजूवाला-जैसलमेर रेल लाइन क्यों महत्वपूर्ण हो सकती है?
- भारत-पाक सीमा के निकटवर्ती क्षेत्रों को सामरिक दृष्टि से जोड़ना।
- पर्यटन को बढ़ावा (जैसलमेर तक आसान संपर्क)
- फसलों और अन्य वस्तुओं की आवाजाही के बेहतर विकल्प।
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