राजस्थान देश का ऐसा राज्य है, जहां दशकों से जल संकट एक बड़ी चुनौती रहा है। खास तौर पर शेखावाटी क्षेत्र, चूरू, झुंझुनू और सीकर जैसे इलाके लंबे समय से पेयजल और सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर रहे हैं। लेकिन अब 1994 के ऐतिहासिक यमुना जल समझौते को लागू करने की दिशा में भजनलाल सरकार के ठोस प्रयासों के बाद राजस्थान को पहली बार इसका व्यावहारिक लाभ मिलने जा रहा है।
क्या है यमुना जल समझौता?
मई 1994 में केंद्र सरकार की पहल पर पांच राज्यों राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के बीच यमुना नदी के पानी के बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था। इस समझौते के अनुसार, मानसून काल में हर साल ताजेवाला हैड (अब हथिनीकुंड बैराज) से राजस्थान को 1917 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया जाना था। लेकिन इस पानी को राजस्थान तक लाने की कोई स्पष्ट योजना नहीं होने के कारण दशकों तक यह पानी सिर्फ कागजों पर ही बंटता रहा। फरवरी 2024 में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में इस समझौते को लागू करने पर सहमति बनी थी। अब पहली बार धरातल पर काम शुरू हो रहा है।
हरियाणा और राजस्थान के बीच जल्द ही डीपीआर तैयार होगी
मुख्यमंत्री ने खुद हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से फोन पर बात कर ड्रेनेज और पाइपलाइन योजना को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है। दोनों राज्यों ने मिलकर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट डीपीआर तैयार करने का फैसला किया है। यह काम मानसून के दौरान ही पूरा कर लिया जाएगा, ताकि सर्वे का बेहतर फायदा उठाया जा सके। योजना के तहत ताजेवाला से राजस्थान सीमा तक करीब 253 किलोमीटर लंबी तीन पाइपलाइन बिछाई जाएंगी, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं होगी। इससे परियोजना तेजी से आगे बढ़ेगी और लागत भी कम आएगी।
राजस्थान को क्या फायदा होगा?
यमुना का पानी सबसे पहले शेखावाटी क्षेत्र के तीन जिलों चूरू, सीकर और झुंझुनू को दिया जाएगा। इन इलाकों में अभी भी गर्मियों में पानी का संकट रहता है। यमुना का पानी उपलब्ध होने से इन जिलों के लाखों लोगों को नियमित रूप से पीने का पानी मिल सकेगा। परियोजना के दूसरे चरण में चूरू में 35,000 हेक्टेयर और झुंझुनू में 70,000 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा। तीन दशकों से फाइलों तक सीमित यमुना जल समझौता अब लागू होने को तैयार है। भजनलाल सरकार की सक्रिय पहल से राजस्थान, विशेषकर शेखावाटी क्षेत्र को इसका व्यावहारिक लाभ मिलेगा। लोगों को न केवल पीने का पानी मिलेगा, बल्कि कृषि और उद्योगों को भी नई ऊर्जा मिलेगी। यह समझौता आने वाले वर्षों में राजस्थान की जल सुरक्षा के लिए मजबूत आधार साबित हो सकता है।
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