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राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला! 50 हजार वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त धार्मिक यात्रा का मौका सफर होगा एसी ट्रेन से, यहां पढ़े पूरी डिटेल

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राजस्थान में हर साल बुजुर्गों और वरिष्ठ नागरिकों को 'वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना' के तहत धार्मिक यात्राएं करवाई जाती हैं, जिसमें हर साल यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी की जाती है। इसी तरह इस साल राजस्थान में 30 हजार की जगह 50 हजार लोगों को धार्मिक यात्राएं करवाई जाएंगी। इस योजना के तहत कई बदलाव किए जा रहे हैं, ताकि वरिष्ठ नागरिकों की तीर्थ यात्रा मनोरंजक और आरामदायक हो। आपको बता दें कि राज्य सरकार ने 2013 में इस योजना की शुरुआत की थी। हर साल राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों को स्लीपर ट्रेन में लेकर जाती थी, लेकिन इस बार एसी ट्रेन की सुविधा के साथ यात्रा करवाई जाएगी। लंबे समय बाद सरकार ने यात्रियों की संख्या में भी बढ़ोतरी की है। इस धार्मिक यात्रा के दौरान लोगों को राजस्थान की कला-संस्कृति, पर्यटन और आध्यात्म की झलक भी देखने को मिलेगी। आपको बता दें कि इस बार देवस्थान विभाग ने यात्रा के लिए ट्रेनों को राजस्थानी शैली में डिजाइन करने के आदेश दिए हैं, जिसमें ट्रेनों के बाहर खिड़कियों और गेटों पर पर्यटन स्थलों-धरोहरों, धार्मिक स्थलों और महापुरुषों के चित्र डिजाइन किए जाएं। यात्रा के लिए ट्रेनों को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि यह अन्य राज्यों में भी आकर्षण का केंद्र बन सकें।

स्लीपर की जगह एसी ट्रेन की सुविधा मिलेगी
इस बार गर्मी से बचने और आरामदायक यात्रा के लिए देवस्थान विभाग वरिष्ठ नागरिकों को सामान्य स्लीपर की जगह एसी ट्रेन में यात्रा करवाएगा, इससे पहले सालों से यात्रियों को स्लीपर कोच में ही यात्रा करवाई जा रही थी। गर्मियों में नॉन एसी कोच के कारण बुजुर्गों को यात्रा के दौरान थोड़ी परेशानी होती है, इसलिए अब से सभी यात्रियों को एसी ट्रेन की सुविधा मिलेगी। इस बार राजस्थान में वरिष्ठ नागरिकों को वैष्णोदेवी-अमृतसर, प्रयागराज-वाराणसी, तिरुपति, द्वारकापुरी-सोमनाथ, रामेश्वरम-मदुरै, जगन्नाथपुरी, मथुरा-वृंदावन-बरसाना, सम्मेदशिखर-पावापुरी-बैद्यनाथ, उज्जैन-ओंकारेश्वर-त्रयंबकेश्वर, गंगासागर, कामाख्या, हरिद्वार-ऋषिकेश-अयोध्या, मथुरा-अयोध्या, बिहार शरीफ और वेलकानी चर्च की यात्रा ट्रेन से करवाई जाएगी।

यात्रियों की संख्या और बजट में की गई है बढ़ोतरी आपको बता दें कि हर साल देवस्थान विभाग लोगों को धार्मिक यात्राओं पर ले जाता है, लेकिन इस बार यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। इसका मुख्य कारण यह है कि पिछले साल राजस्थान से करीब डेढ़ लाख आवेदन आए थे, इसलिए ज्यादा से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा पर ले जाने के उद्देश्य से संख्या में बढ़ोतरी की गई है।

देवस्थान विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष करीब 86 करोड़ का बजट खर्च हुआ था, लेकिन इस बार इसे बढ़ाकर 113 करोड़ कर दिया गया है। भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों के अलावा हवाई मार्ग से काठमांडू की तीर्थ यात्रा के लिए यात्रियों की संख्या विभाग ने 6 हजार रखी है। देवस्थान विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में करीब 41 हजार, वर्ष 2014 में 7 हजार, वर्ष 2015 में 8 हजार, वर्ष 2016 में 9 हजार, वर्ष 2017 में 15 हजार, वर्ष 2018 में 7 हजार, वर्ष 2019 में 8 हजार, वर्ष 2022 में 20 हजार, वर्ष 2023 में 33 हजार तथा वर्ष 2024 में करीब 31 हजार यात्रियों को यात्रा कराई गई। इन सभी यात्राओं में लोगों को ट्रेन व हवाई जहाज से यात्रा कराई गई।

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