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Ajmer 3डी स्कैनर नई और पुरानी इमारतों की 'स्वास्थ्य' का पता लगा सकेगा

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अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर   भवन की डिजाइन, मेटेरियल के उपयोग और मजबूती को लेकर अक्सर लोग चिंता में रहते हैं। ठेकेदार अथवा अथवा अफसरों की मौजूदगी, सीसीटीवी अथवा मोबाइल से फोटो खींचकर उसकी जानकारी लेते हैं। लेकिन अब थ्रीडी स्कैनर से नए और पुराने भवनों की सेहत जांच सकेंगे। ड्राइंग, फोटोग्राफी और कंप्यूटर एडेड डिजाइन के माध्यम से सटीक डिजाइन तैयार किए जा सकेंगे। इसको लेकर आईआईटी, एनआईटी सहित विभिन्न प्रौद्योगिकी संस्थानों में वृहद स्तर पर कामकाज चल रहा है।

मौजूदा वक्त निजी, सरकारी भवनों का निर्माण,हेरिटेज भवनों की देखरेख को लेकर कई तरह की परेशानी हैं। तय नियमानुसार मेटेरियल का उपयोग, डिजाइन के अनुसार निर्माण जैसे समस्याओं से जूझना पड़ता है। कई बार तय डिजाइन के अनुसार कार्य नहीं होने से तकनीकी त्रुटियां रहती हैं।

फर्नीचर, सुरक्षा गार्ड के लिए प्रस्ताव लिए गए

अजमेर जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में नवनिर्मित पीडियाट्रिक ब्लॉक में एसएनसीयू, इनआईसीयू आरसीएच कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक में कई प्रस्ताव लिए गए। चिकित्सा सुविधाएं एवं सुरक्षा के मापदंड पूरा करने पर भी चर्चा की गई।सह अध्यक्षता करते हुए आरसीएचओ डॉ.शिन्दे स्वाति ने कहा कि एसएनसीयू, इनआईसीयू में एक साल तक के बच्चे को घर से लाने, घर तक छोड़ने के लिए जननी शिशु सुरक्षा र्काक्रम (जेएसएसवाई) में ट्रांसपोर्ट का प्रावधान है। ऐसी व्यवस्था हो कि बच्चों को घर तक भी छुड़वाया जा सके। इसके लिए वाहन की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने एनआईसीयू में फर्नीचर सहित अन्य इक्यूपमेंट एवं सुरक्षा के लिए गार्ड की व्यवस्था को लेकर भी चर्चा की। बाद में संयोजक डॉ. पुखराज गर्ग, सदस्य डॉ. कंवर सिंह, डॉ. कमल सोनी, सदस्य लेखाधिकारी आदि मौजूद रहे। उप अधीक्षक डॉ. अमित यादव ने बताया कि कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक में एनआईसीयू में इक्यूपमेंट, सुरक्षा गार्ड के प्रस्ताव लिए। आरसीएचओ डॉ. स्वाति ने कहा कि नवनिर्मित भवन में सुविधाएं अच्छी हैं। यहां नवजात बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।

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