Next Story
Newszop

राजस्थान के इस जिले में बारिश ने तोड़ा 40 साल का रिकॉर्ड! भीमलत बांध पानी से लबालब, 33 फीट पहुंचा जलस्तर

Send Push

गुढ़ानाथावतान क्षेत्र के भीमलत, बाणगंगा, भाला की कुई व सीता कुंड के घने जंगलों में भारी बारिश के चलते मानसून की पहली बारिश में भीमलत बांध छलकने के करीब है। मानसून आने तक खाली रहे बांध का जलस्तर रविवार सुबह तक 33 फीट पहुंच गया। जबकि बांध की भराव क्षमता 36 फीट है। पहली बारिश व जून माह में खाली हुए बांध का जलस्तर 33 फीट पहुंचना जंगलों में हुई अत्यधिक बारिश के कारण है।

बाणगंगा नदी पर 1958 में बांध बनने के बाद यह दूसरा मौका है जब जून माह की पहली बारिश में बांध भर गया हो। इससे पहले 1985 में ऐसी स्थिति बनी थी। टाइगर रिजर्व के बफर जोन, खिंया, नाहरगढ़ व दुर्वासा महादेव क्षेत्र में भी अच्छी बारिश हुई। गौरतलब है कि मेज नदी सीता कुंड के जंगलों से निकलती है। जिसके चलते गुढ़ा बांध का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा है। एक ओर जंगल में तेज बारिश हुई, वहीं दूसरी ओर गुढ़ा, रामनगर, मांगल, हट्टीपुरा आदि मैदानी इलाकों में हल्की बारिश हुई। भीमलत क्षेत्र में बारिश के कारण भीमलत नदी का जलस्तर बढ़ गया और उलेरा पंचायत के गोपालपुरा, सिंटा, गरनारा, रूपनगर, श्रीनगर आदि गांवों के रास्ते शनिवार दोपहर 4-5 घंटे बंद रहे। भीमलत में नाला पार करते समय एक बाइक सवार बह गया। उसे उसके साथियों ने बचा लिया।

1958 में 4.5 लाख रुपए में बना था भीमलत बांध

बूंदी और भीलवाड़ा जिले की सीमा पर भीमलत बांध 1958 में बाणगंगा नदी पर मेहराब बनाकर बनाया गया था। बांध के निर्माण में 4 लाख 58 हजार रुपए खर्च हुए थे। बांध बनते ही मेहराब का एक हिस्सा भी टूट गया, जिसे बाद में मरम्मत करवाई गई। बांध के नीचे की ओर यह नदी ऊपरमाल के पठार से हाड़ौती के मैदानी इलाकों में गिरती है।जहां प्रसिद्ध भीमलत झरना है। यहां सदियों से जल की अविरल धारा शिवलिंग पर जलाभिषेक करती आ रही है। बांध का पानी झरने और भीमलत घाटी से होते हुए 1965 में बने अभयपुरा बांध तक पहुंचता है जहां से नहरों के जरिए सिंचाई की जाती है।

Loving Newspoint? Download the app now