बच्चे नहीं भटकेंगे
बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़े, इसलिए लाइब्रेरी शुरू की गई है। विशेष रूप से लड़कियों के लिए सुविधा रहेगी। लड़के तो फिर भी गांव से शहर में आकर कोचिंग कर लेते हैं, लेकिन लड़कियों के लिए दिक्कत रहती है। इसलिए ये लाइब्रेरी शुरू की गई हैं।जिला परिषद के सीईओ डॉ. धीरज कुमार सिंह ने बताया कि अब तक कुल 40 ग्राम पंचायतों में 40 लाइब्रेरी बनकर तैयार हो चुकी हैं। इसमें से 10 लाइब्रेरी में गांव के बच्चे आने भी लगे हैं। इसमें मुय रूप से झंवर, धरानी कलां, मोगड़ा में बच्चों की संया ज्यादा है। लाइब्रेरी में किताबों के साथ नेट की सुविधा भी है। लाइब्रेरी में आने वाले बच्चों से प्रतिघंटे के हिसाब से 20 रुपए चार्ज भी लिया जा रहा है। पंचायत स्तर पर इन लाइब्रेरी की मॉनिटरिंग के लिए ग्राम स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। इसमें सरपंच अध्यक्ष रहेगा। साथ ही ग्राम सेवक, पटवारी को भी सदस्य बनाया गया है। कमेटी इन लाइब्रेरी की सुविधा के लिए यहां आने वाले फंड से इसकी देखरेख करेगी।
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