राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने एक बड़े धोखाधड़ी मामले में कुख्यात प्रिंस सैनी और उसके दो साथियों, ममता भाटी और दिनेश बागड़ी को गिरफ्तार किया है। तीनों पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है। बारहवीं पास प्रिंस ने बड़ी चालाकी से कई फर्जी कंपनियां बनाईं और लोगों को भारी मुनाफे का लालच दिया।
फर्जी कंपनियों का जाल
प्रिंस ने सबसे पहले "ट्रोनेक्स" नाम की एक सॉफ्टवेयर कंपनी बनाई। उसने एक चेन सिस्टम के ज़रिए 54 लोगों से 6,48,000 रुपये की ठगी की। जब लोग मुनाफे और अपनी पूँजी की माँग करने लगे, तो उसने "ऑर ग्रूमर" नाम से एक नई कंपनी खोली। उसने इसे शिक्षा से जोड़ा और 22 छात्रों से 200 रुपये की फीस लेकर 66 लाख रुपये ठग लिए। इसके बाद प्रिंस ने "हार्वेस्ट" नाम की एक कंपनी बनाई, जो फेसबुक जैसी ही थी। उसने ममता भाटी को इसका निदेशक नियुक्त किया और 6 लाख रुपये जमा करने पर उन्हें एक स्कॉर्पियो देने का वादा किया। इस तरह उसने 250 लोगों से 50 करोड़ रुपये ठग लिए।
लकी ड्रॉ का लालच
प्रिंस ने लोगों को लकी ड्रॉ का लालच भी दिया। उसने ₹2,500 जमा करने पर मोटरसाइकिल, स्कूटर और एलईडी देने का वादा किया। उसने दावा किया कि उसकी कंपनी पंजीकृत है और उसके 2,00,000 ग्राहक हैं। कंपनी के शेयर की कीमत ₹10 से बढ़कर ₹200 हो गई, जिससे लोगों का विश्वास बढ़ा।
एसओजी की कार्रवाई
जब एसओजी ने प्रिंस को पकड़ा, तो उसके खाते में केवल ₹5 लाख मिले। उसने बाकी की ठगी की रकम निकाल ली थी। प्रिंस और उसके साथी ऐशो-आराम की ज़िंदगी जी रहे थे। एसओजी अब पूरे धोखाधड़ी नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए उनसे पूछताछ कर रही है। यह कार्रवाई लोगों में जागरूकता बढ़ाने और धोखेबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश देने का काम करती है।
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