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Drug Racket in Rajasthan: बॉर्डर के रेगिस्तान में छिपी थी करोड़ों की ड्रग फैक्ट्री, पुलिस रेड में हुआ खुलासा

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बाड़मेर जिले के सेड़वा थाना क्षेत्र के धोलकिया (कारतिया) में अवैध एमडी ड्रग बनाने की फैक्ट्री बरामद होने के मामले में बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीणा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा खुलासा किया। पुलिस ने अवैध फैक्ट्री से 40 लाख रुपए की सामग्री बरामद की। साथ ही, इतनी सामग्री से फैक्ट्री में 100 करोड़ रुपए की एमडी बनाई जानी थी। इस एमडी को मारवाड़ समेत भारत के महानगरों में सप्लाई किया जाना था। एमडी ड्रग बनाने से लेकर सप्लाई करने तक के धंधे में 15 से 20 तस्कर शामिल हैं।

एसपी नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि सेड़वा थाना क्षेत्र के धोलकिया में मांगीलाल विश्रोई के खेत से एमडी ड्रग बनाने के लिए लगाई गई मशीन, प्रयुक्त केमिकल, पाउडर व उपकरण, इलेक्ट्रिक कांटा, जनरेटर व अन्य सामान जब्त किया गया है। आरोपी मांगीलाल पुत्र रामकिशन निवासी धोलकिया और बिरजू जयेंद्र शुक्ला पुत्र जयेंद्र शुक्ला निवासी मुंबई को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, गणपत सिंह निवासी आकल मौके से फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। साथ ही, मामले की जाँच के लिए एएसपी जसाराम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है।

मुंबई और महाराष्ट्र से जुड़े मामले

जांच में पता चला है कि अवैध फैक्ट्री स्थापित करने और एमडी सप्लाई करने का मुख्य मास्टरमाइंड रमेश विश्रोई है, जो 2018 से फरार है। उसकी गिरफ्तारी पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। उसके खिलाफ 17 मामले दर्ज हैं, हिस्ट्रीशीटर भी बनाया गया है। उसके साथी कमलेश, गणपत सिंह समेत 15 से 18 लोग शामिल हैं, जिनकी कुंडली खंगाली जा रही है।

दो गिरफ्तार, 8 नामजद, तलाश जारी

नामजद आरोपियों में शिवा भाई निवासी ओडिशा, नम्रता मैडम निवासी ठाणे, महाराष्ट्र और मच्छिंद्र तुकाराम भोसले निवासी महाड, अकोला, महाराष्ट्र शामिल हैं। बाड़मेर पुलिस की दो विशेष टीमें उनकी गिरफ्तारी के लिए मुंबई रवाना हो गई हैं।इसके अलावा, रमेश कुमार पुत्र सोहनलाल निवासी नेडीनाडी, कमलेश पुत्र सदाराम निवासी लुम्भाणियों की ढाणी चैनपुरा, गणपत सिंह पुत्र भंवर सिंह निवासी आकल, सेड़वा, कमलेश पुत्र जगमालराम निवासी फागलिया और रोहन प्रभाकर, रोहन कंपनी मुंबई को नामजद किया गया है।

खेत मालिक को मिलने थे 10 लाख रुपये

रमेश, कमलेश, कमलेश पुत्र जगमालराम और गणपत सिंह ने योजना बनाई और कमीशन तय होने के बाद मांगीलाल के खेत में फैक्ट्री लगाई गई। मांगीलाल को 10 लाख रुपये मिलने थे। इसमें से 5 लाख रुपये नकद दिए गए।

कांच टूटा तो दूसरी जगह तलाशी

एमडी फैक्ट्री लगाने की योजना जैसलमेर में भी थी, लेकिन वहां नाकाम रहने पर वे मशीनरी लेकर फागलिया पहुँचे। जगह देखने के बाद उन्होंने इंजीनियरों को बुलाया और फैक्ट्री लगा रहे थे। इसी बीच कांच टूट गया। इसके बाद, जब वह जगह उपयुक्त नहीं लगी, तो ढोलकिया में फ़ैक्टरी स्थापित की गई।

मांगीलाल और कमलेश मुंबई गए

मास्टरमाइंड रमेश का खेत मालिक मांगीलाल से सौदा तय हुआ। इसके बाद, मांगीलाल और कमलेश दोनों मुंबई गए। वहाँ, आरोपी बिरजू की मुलाकात जयेंद्र शुक्ला से हुई। इसके बाद, बिरजू और शिवा के साथ फ़ैक्टरी स्थापित करने की जगह तय हुई। आरोपी बिरजू ने फ़ैक्टरी स्थापित करने के लिए सामग्री और रसायन, नम्रता ग्लास कंपनी, ढाणे की आरोपी नम्रता मैडम से खरीदे और अवैध एनडीपीएस ड्रग्स बनाने के लिए रसायन, रोहन कंपनी, मुंबई के मच्छिंद्र तुकाराम भोसले से खरीदे। इसके बाद, महादेव एंटरप्राइजेज के नाम से बिल बनाया गया।

290 किलो रसायन ज़ब्त

39 किलो 250 ग्राम मिश्रित द्रव (एमडी), ड्रमों में भरा 290 किलो 840 ग्राम द्रव बरामद किया गया है। इसके अलावा, प्लास्टिक की थैलियों में 5 किलो 330 ग्राम सफेद पाउडर बरामद किया गया है। एमडी बनाने में इंजीनियर भी शामिल हैं। एमडी बनाने का मुख्य काम मुंबई निवासी शुक्ला करता है। उसके कब्जे से दो प्रतियां बरामद हुई हैं। जिनमें एमडी बनाने की पूरी प्रक्रिया लिखी है।

कार्रवाई में ये लोग शामिल रहे

कार्रवाई में सेड़वा थाना प्रभारी दीप सिंह भाटी, हेड कांस्टेबल आसुराम, कांस्टेबल मनोहर सिंह, गंगाराम, खेमाराम, रामकिशोर, कालूराम, प्रभुराम, मोहनलाल, भोजाराम, धई और चैनराम शामिल रहे। कांस्टेबल मनोहर सिंह की विशेष भूमिका रही।

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