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क्या आप भी मानते हैं कि राइट ब्रदर्स ने ही किया था हवाई जहाज़ का आविष्कार? तो पहले ये पढ़ें

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image BBC/Getty Images राइट ब्रदर्स, सैंटोस ड्यूमोंट और 14-बीआईएस विमान की तस्वीर

हवाई जहाज़ का आविष्कार किसने किया? सुनने में तो ये सवाल बड़ा आसान लगता है, लेकिन हक़ीकत में मामला इतना सीधा नहीं है.

ये तो सौ साल से चले आ रहे एक पुराने विवाद की जड़ है.

कई अमेरिकियों को लगता है कि साइकिल मैकेनिक और ख़ुद सीखे इंजीनियर ऑरविल और विल्बर राइट ही हवाई उड़ानों के असली 'जनक' हैं. उन्होंने 1903 में पहली बार लगातार उड़ान भरी थी.

वहीं कई ब्राज़ीली कहते हैं कि असली क्रेडिट तो अल्बर्टो सैंटोस ड्यूमोंट को मिलना चाहिए. वो कॉफी उगाने वाले अमीर परिवार से थे और 1906 में पेरिस में पहली उड़ान भरी, जिसे इंटरनेशनल एरोनॉटिकल फ़ेडरेशन ने भी मान्यता दी थी. तो फिर सही कौन है?

image National Library of France सैंटोस ड्यूमोंट अपने 14-बीआईएस में, जिसने पहली बार पेरिस में उड़ान भरी
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सैंटोस ड्यूमोंट: लोगों के सामने पहली उड़ान

20वीं सदी की शुरुआत में दर्जनों लोग ऐसी मशीन बनाने में लगे थे जो इंजन से चले और इंसान का उड़ने का सपना पूरा कर सके.

उस समय पेरिस ऐसा शहर बन गया था जहां हवाई जहाज़ बनाने की सबसे ज़्यादा उम्मीद थी. वहां अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज थे और मेटलर्जी, मशीन, फ़िजिक्स और केमिस्ट्री पर रिसर्च के लिए पैसा भी आसानी से मिल जाता था.

फ्रांस के इतिहासकार प्रोफ़ेसर ज्यां-पियरे ब्ले कहते हैं, "तब लगता था कि ये बस वक़्त की बात है."

उस दौर में हवाई जहाज़ के शौकीनों ने तय किया था कि किसे पहली उड़ान माना जाएगा.

उन्होंने शर्त रखी कि बिना किसी बाहरी मदद (जैसे कैटापल्ट) के उड़ान भरी जाए और उसे लोग अपनी आंखों से देखें और रिकॉर्ड करें.

12 नवंबर 1906 को सैंटोस ड्यूमोंट ने ये सब कर दिखाया. उन्होंने पेरिस में भीड़ के सामने अपने विमान 14-बीआईएस से 220 मीटर की उड़ान भरी.

अगले साल उन्होंने एक और नया विमान डेमोएज़ेल बनाया, जो दुनिया का पहला हल्का और बड़े पैमाने पर बनने वाला विमान था.

image Getty Images डेमोएज़ेल दुनिया का पहला बड़े पैमाने पर बना विमान था सबूतों की बारी

1908 में राइट ब्रदर्स ने पहली बार दावा किया कि वही हैं जिन्होंने पांच साल पहले सबसे पहले उड़ान भरी थी.

ये सुनकर फ्रांस के लोग चौंक गए. अमेरिका और यूरोप के फ्लाइंग क्लबों में उस वक्त चिट्ठियों के ज़रिए लगातार बातचीत चलती रहती थी. सभी जानते थे कि ज़मीन से लंबी दूरी तक उड़ने वाला पहला विमान बनाने की होड़ लगी है. लेकिन यूरोप में राइट ब्रदर्स की कोई ख़बर कई साल से नहीं आई थी.

उस वक्त राइट ब्रदर्स का कहना था कि वे अपने पेटेंट पास होने का इंतज़ार कर रहे थे और उन्हें डर था कि कोई उनकी तरक़ीब चुरा लेगा.

लेकिन असल में 17 दिसंबर 1903 को उत्तरी कैरोलिना के किट्टी हॉक में उनके फ्लायर को उड़ते हुए सिर्फ पांच लोगों ने देखा था. इस घटना के चंद सबूत ही हैं: एक टेलीग्राम, कुछ फोटो और ऑरविल की डायरी.

ब्राज़ील के म्यूजियम ऑफ एस्ट्रोनॉमी के पूर्व डायरेक्टर हेनरिक लिंस डे बारोस जैसे कुछ वैज्ञानिक बताते हैं कि ऑरविल ने अपनी डायरी में लिखा था कि उस वक्त हवा की रफ़्तार क़रीब 40 किमी/घंटा थी. यानी इतनी हवा थी कि विमान बिना इंजन के भी अपने आप उड़ सकता था.

हालांकि राइट ब्रदर्स के समर्थक इससे इत्तेफ़ाक नहीं रखते. उनका कहना है कि पेरिस में 14-बीआईएस उड़ने से पहले ही, 1904-05 में राइट ब्रदर्स ने फ़्लायर के बेहतर मॉडल बना लिए थे.

image Library of Congress राइट ब्रदर्स का फ्लायर पहली बार 1903 में उड़ने की कोशिश कर रहा था

इतिहासकार टॉम क्राउच, जो स्मिथसोनियन के नेशनल एयर एंड स्पेस म्यूजियम में रहे हैं और राइट ब्रदर्स पर कई किताबें लिख चुके हैं. वो कहते हैं,

"उसी सुबह (17 दिसंबर 1903) पहली बार राइट ब्रदर्स ने इतनी अच्छी उड़ान भरी कि उन्हें ख़ुद यकीन हो गया कि उन्होंने ये मुश्किल सुलझा ली है."

वो आगे कहते हैं, "उन्हें अभी और सुधार करने थे, लेकिन उनका विमान बन चुका था और उड़ भी चुका था."

ये सारे सुधार ऐसा लगता है कि गुप्त रूप से ही होते रहे, जब तक कि 1908 में राइट ब्रदर्स ने ख़ुद को पहला साबित करने के लिए मुहिम शुरू नहीं की.

राइट ब्रदर्स यूरोप गए और फ्रांस, इटली जैसे देशों में 200 से ज्यादा डेमो फ्लाइट्स कीं. एक उड़ान में तो उन्होंने 124 किलोमीटर तक का सफर भी तय किया.

प्रोफ़ेसर ब्ले बताते हैं, "तब यूरोप के राजघराने के लोग विल्बर के साथ विमान में बैठने की ख़्वाहिश रखते थे. इसे बहुत बड़ा सम्मान माना जाता था."

उसी वक्त फ्रांस के हवाई उड़ानों के शुरुआती जानकार फर्डिनेंड फर्बर जैसे लोगों ने भी मान लिया कि राइट ब्रदर्स ही पहले थे. उनका कहना था कि इतना बढ़िया कंट्रोल वाला विमान एक दिन में तो नहीं बन सकता.

image US Library of Congress राइट ब्रदर्स की उड़ान की ख़बर कई साल बाद ही सामने आई
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कैटापल्ट की बहस

यूरोप में दिखाए गए राइट ब्रदर्स के फ्लायर विमान पहियों के बिना थे और उड़ने के लिए इन्हें कैटापल्ट (जिससे विमान को ज़ोर लगाकर उड़ने में मदद मिलती है) की मदद लेनी पड़ती थी. यही बात बड़ी बहस का मुद्दा बन गई.

आलोचक कहते हैं कि विमान का इंजन इतना ताकतवर नहीं था, वो तो बस कैटापल्ट की वजह से ही उड़ पाया. जबकि कुछ लोगों का कहना है कि राइट ब्रदर्स ने कैटापल्ट इसलिए लगाया ताकि किसी भी तरह की ज़मीन से उड़ान भरी जा सके.

लेकिन कहानी में मोड़ ये है कि सिर्फ़ सैंटोस ड्यूमोंट और राइट ब्रदर्स ही अकेले नहीं थे जिन्होंने खुद को हवाई यात्रा का आविष्कारक बताया. लेकिन कहानी में मोड़ ये है कि सिर्फ़ सैंटोस ड्यूमोंट और राइट ब्रदर्स ही अकेले नहीं थे जिन्होंने खुद को हवाई यात्रा का आविष्कारक बताया.

image Getty Images अमेरिका में रहने वाले जर्मन गुस्ताव वीसकुप्फ़ भी हवाई यात्रा के शुरुआती जानकार थे

कहा जाता है कि जर्मनी के गुस्ताव वीसकुप्फ़, जो अमेरिका में रहते थे, उन्होंने तो 1901 में ही उड़ान भर ली थी. वहीं न्यूज़ीलैंड के रिचर्ड पियर्स ने भी मार्च 1903 में विमान उड़ाया था, ऐसा माना जाता है.

यहां तक कि कुछ सबूत बताते हैं कि दक्षिण अफ़्रीका के हाउइक शहर के पास जॉन गुडमैन और उनके परिवार ने 1871 में ही दुनिया की पहली इंसान वाली उड़ान भरी थी, वो भी बिना इंजन, सिर्फ ग्लाइडर से. वहां आज भी उस ग्लाइडर की याद में एक स्मारक बना हुआ है.

इसीलिए कई हवाई जहाज़ के जानकार मानते हैं कि ये बहस ही बेकार है कि आख़िर विमान किसने बनाया.

जेन'स ऑल द वर्ल्ड्स एयरक्राफ्ट के 25 साल तक एडिटर रहे पॉल जैक्सन कहते हैं, "ऐसा नहीं हुआ कि किसी दिन कोई उठा, डिजाइन बनाई और बोला,'ये वो विमान है जो उड़ जाएगा!'"

वो कहते हैं, "ये तो दर्जनों, बल्कि सैकड़ों लोगों की मिलकर की गई मेहनत थी, तभी ये मुमकिन हुआ."

मान्यता की कहानी

जैक्सन मानते हैं कि सैंटोस ड्यूमोंट, वीसकुप्फ़ और कई दूसरे हवाई उड़ानों के शुरुआती लोगों को उतनी पहचान नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी.

वो कहते हैं, "आख़िर में तो उन्हीं लोगों के नाम बड़े होते हैं जिनके पास महंगे वकील होते हैं."

वे कहते हैं, "दुख की बात ये है कि अगर आप 19वीं और 20वीं सदी के ज़्यादातर आविष्कारों को देखेंगे, तो उनका क्रेडिट अक्सर ग़लत लोगों को दे दिया गया."

वो स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का उदाहरण देते हैं, जिन्हें टेलीफ़ोन बनाने का श्रेय दिया जाता है, जबकि अब इस पर सवाल उठने लगे हैं. असल में 2002 में अमेरिकी कांग्रेस ने भी माना कि भले ही बेल ने उसका पेटेंट कराया था, लेकिन असली आविष्कार एक गरीब इतालवी एंटोनियो म्युच्ची ने किया था, जो बेल के साथ ही वर्कशॉप में काम करते थे.

image Getty Images ग्लेन हैमंड कर्टिस एक एविएटर थे, जिन्हें राइट ब्रदर्स ने कोर्ट में घसीटा था

मार्शिया कमिंग्स अमेरिका के एविएशन के पुराने नाम ग्लेन हैमंड कर्टिस की रिश्तेदार हैं, जिन्हें राइट ब्रदर्स ने 1909 से पेटेंट तोड़ने के आरोप में कोर्ट में घसीटा था.

आज कमिंग्स एक ब्लॉग चलाती हैं जो राइट ब्रदर्स की कहानी की सच्चाई को परखता है.

कमिंग्स कहती हैं कि उन्हें लगता है राइट ब्रदर्स ने जानबूझकर कर्टिस जैसे लोगों को इतिहास से गायब करने की कोशिश की.

वहीं ऑरविल और विल्बर की परपोती अमांडा राइट लेन, जो उनके काम को संभालने में लगी हैं, इस बात को नहीं मानतीं. वो कहती हैं, "जैसे मैं ऑरविल को जानती हूं, मुझे नहीं लगता वो जानबूझकर किसी को निशाना बनाते."

वो आगे कहती हैं, "हां, लेकिन वो ज़रूर ये देखते कि उन्होंने और विल्बर ने जो किया, उसका सच बना रहे."

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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