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गया में पहली बार हुआ खेलो इंडिया यूथ गेम्स का भव्य आयोजन

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गया/पटना, 14 मई (हि.स.)। पूरी दुनिया में गया की पहचान मोक्ष, अध्यात्म और ध्यान की धरती के रूप में है। परंतु खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2025 के तहत आयोजित हुए विभिन्न खेल प्रतिस्पर्धाओं के बाद इस पुण्य भूमि को अब खेलों के बेहतरीन आयोजन स्थल के तौर पर भी जाना जाने लगा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शानदार पहल पर आयोजित खेलों के इस समर में डेढ़ दर्जन से अधिक राज्यों से आये युवा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और अब उनके मानस पटल पर गया के आध्यात्मिक माहौल के साथ खेल के ऐतिहासिक आयोजन ने अमिट छाप छोड़ी है।

गया के बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) और बोधगया स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के परिसर में कुल सात खेलों तैराकी, खो-खो, थानगाट, योग, गतका, मल्लखम और कलारीपट्टु का आयोजन किया गया। 14 अगस्त को सभी खेलों का समापन हो गया है।

अब से पहले गया में खेलों की इतनी बड़ी कोई प्रतियोगिता आयोजित नहीं हुई थी। बौद्ध दर्शन और भगवान बुद्ध की इस ज्ञान स्थली पर प्रत्येक वर्ष नवंबर-दिसंबर में दुनियाभर के बौद्ध धर्मावलंबियों का जमावड़ा लगता है। इसके अलावा भी बड़ी संख्या में कई देशों खासकर बौद्ध देशों के भिक्षुक, लांबाओं और बुद्ध को मानने वालों का तांता लगा रहता है। पितृ पक्ष के मौके पर भी दुनियाभर के लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहां आकर पिंडदान करते हैं। परंतु खेलो इंडिया के इस भव्य आयोजन ने यहां खेल की दृष्टि से दर्शकों और खिलाड़ियों के नए हुजूम से इस ऐतिहासिक शहर को रू-ब-रू कराया, जो अपने आप में अनुपम था।

गया के एक बड़े होटल संचालक मृत्युंजय कुमार ने बताया कि ऐसे तो गया और बोधगया में पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों का तांता लगा रहता है, लेकिन खेलो इंडिया ने लोगों के नए हुजूम को यहां से जोड़ दिया है। कुछ ऐसा ही मानना एक अन्य होटल संचालक सुरेंद्र कुमार का भी है। इन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों की शुरुआत होने से शहर को राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान मिली है। इस आयोजन ने लोगों के एक अलग समूह को जोड़ दिया है, जिसमें युवाओं की संख्या बहुतायत है। इससे यहां की आर्थिक गतिविधि में तेजी आएगी।

यूथ गेम्स के आयोजन को लेकर यहां के होटल, रोस्टोरेंट से लेकर स्थानीय छोटे-बड़े दुकानदारों से लेकर टूर ऑपरेटरों और टैक्सी चालकों की काफी चांदी रही है। बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर होने वाली इनकी कमाई इस बार दो से तीन गुणी बढ़ी है। यहां के स्थानीय व्यापारी और आम लोग इस तरह के आयोजन यहां अक्सर कराने की बात कह रहे हैं।

बिपार्ट का खेल परिसर राष्ट्रीय स्तर काइस आध्यात्मिक धरती पर खेल को लेकर अलग या विशेष रूप से कोई बड़ा और स्थाई आधारभूत संरचना मौजूद नहीं है। परंतु यहां अधिकारियों, पदाधिकारियों से लेकर सभी वर्ग के कर्मियों और जन-प्रतिनिधियों के लिए मौजूद विश्व स्तरीय ट्रेनिंग सेंटर बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान में शानदार और आधुनिक खेल परिसर मौजूद है। यहीं खेलो इंडिया के तहत तैराकी, खो-खो, थानगटा, योग, गतका, मल्लखम और कलारीपट्टु खेलों का आयोजन कराया गया। बिपार्ट में बना खेल परिसर खासकर इसका स्वीमिंग पुल अंतरराष्ट्रीय स्तर का है। इसे थोड़ा आधुनिक तरीके से व्यवस्थित करके खेलो इंडिया की प्रतियोगिता के लायक बनाया गया है। इसी वजह से यहां खेलो इंडिया से जुड़ी प्रतियोगिताएं कराना संभव हो पाया।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी

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