
Zaheer Khan Jelly-Bean: मौजूदा सीरीज से पहले तक की बात करें तो 1971 के बाद, भारत ने इंग्लैंड में सिर्फ़ एक टेस्ट सीरीज़ जीती है, 2007 में। स्पष्ट है वह एक ख़ास जीत थी और सीरीज 1-0 से जीते। टीम में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे और ये इन सभी की इंग्लैंड में आख़िरी टेस्ट सीरीज थी। उसके बाद वहां टेस्ट नहीं खेले। 2001 में ऑस्ट्रेलिया के टूर के बाद से, ये इंग्लैंड की अपनी पिचों पर पहली सीरीज़ हार थी। आम तौर पर इंग्लैंड की हार की जो भी वजह चर्चा में आईं उनमें से एक ख़ास थी भारत के दो खब्बू गेंदबाज़ों, ज़हीर खान और रुद्र प्रताप सिंह का ड्यूक बॉल को स्विंग करना।
ये सीरीज़, इस जीत की चर्चा में एक ख़ास किस्से के लिए भी याद की जाती है। असल में हुआ ये कि जिस ट्रेंट ब्रिज को जीते, उसमें जब ज़हीर खान बल्लेबाज़ी कर रहे थे तो इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने पिच पर जेली बीन फेंकी थी। ज़हीर ने इसका जिस तरह से जवाब दिया, वह एक दिलचस्प किस्सा है। ज़हीर ने टेस्ट में शानदार गेंदबाजी की (पहली पारी में 4-59 और दूसरी पारी में 5-75) और भारत को सीरीज जीतने में मदद की। ये इंग्लैंड में भारत की सिर्फ़ पांचवीं टेस्ट जीत थी।
उस सीरीज का पहला टेस्ट बारिश की वजह से ड्रॉ रहा। ट्रेंट ब्रिज में खेले दूसरे टेस्ट में, इंग्लैंड शुरू से ही बैकफुट पर था और पहली पारी में सिर्फ़ 198 रन पर आउट हो गए। ज़हीर ने 4 विकेट लिए। जवाब में, जब भारत ने बल्लेबाजी की तो पिच आसान हो गई थी, बल्लेबाजों ने इसका फायदा उठाया और एक समय स्कोर 464/7 था। यहां जहीर खान बल्लेबाजी के लिए आए तो पिच पर जेली बीन पड़ी थीं। जहीर ने अपने बैट से इनमें से कुछ को वहां से हटा दिया पर इस सबसे वे परेशान हो गए थे।
जहीर ने 10* रन बनाए लेकिन जेली बीन देखकर वह खुश नहीं थे। परेशान थे पर अपना गुस्सा जाहिर नहीं होने दिया। उधर इंग्लैंड टीम को ये अंदाज़ा भी नहीं था कि वह कैसे जवाब देंगे?
इंग्लैंड पहली पारी में 283 रन से पीछे रहा। इंग्लैंड की दूसरी पारी में जहीर ने 100 बनाने वाले माइकल वॉन समेत 5 विकेट लिए। भारत को सिर्फ 73 रन का लक्ष्य मिला और इसे हासिल कर भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। ट्रेंट ब्रिज में ये भारत की पहली टेस्ट जीत थी। जहीर खान ने टेस्ट में 9 विकेट लिए और टीम को जीत दिलाई। जेली बीन ने जहीर में एक ऐसा जोश पैदा कर दिया था जिसके लिए इंग्लैंड तैयार नहीं था।
विजडन ने भी इसे रिपोर्ट किया और लिखा, #39;जहीर का गुस्सा, उनके बल्लेबाजी के लिए आने से पहले इंग्लैंड के एक खिलाड़ी के पिच पर जेली बीन डालने से शुरू हुआ। ये किसने किया, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता (स्काई के टेलीविज़न ब्रॉडकास्ट में भी इसका कोई सबूत नहीं मिला लेकिन कई अख़बारों ने इसके लिए इयान बेल का नाम लिखा)। खिलाड़ियों को दूसरी टीम का सम्मान करना चाहिए: उनसे मुकाबला करें, लेकिन कोई बचकाना हरकत या बचकाना व्यवहार न करें। अगर बल्लेबाज तेंदुलकर होते तो वे कतई ऐसा न करते, तो फिर जहीर के साथ क्यों किया? इसलिए उनका गुस्सा होना और गुस्से से बैट लहराना जायज ही था। जहीर सिर्फ एक तरह से ही इसका जवाब दे सकते थे और उन्होंने वही किया। भारत की टीम जब जोश में हो तो और बेहतर टीम की तरह से खेलती है। जहीर को छेड़ कर इंग्लैंड ने बहुत बड़ी गलती की।#39;
जहीर खान आखिर में सीरीज में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले (18) गेंदबाज रहे और प्लेयर ऑफ द सीरीज अवार्ड के सबसे जोरदार दावेदार। इस जेली बीन तमाशे ने टेस्ट और सीरीज में भारत की जीत को और भी यादगार बना दिया।
क्या वास्तव में जेली बीन ने जहीर को परेशान किया और इसी ने उन्हें कुछ ख़ास करने का जोश दिया? जहीर ने खुद कहा कि जो कुछ हुआ उससे उन्हें #39;अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा#39; मिली। उस समय की इस किस्से पर ज्यादातर मीडिया रिपोर्ट में यही कहा गया था कि जहीर की अच्छी गेंदबाजी की सबसे बड़ी वजह इंग्लैंड की खेल भावना से नाराजगी थी। भारतीय टीम जीत के लिए बेताब थी, खासकर उपमहाद्वीप के बाहर और उसके लिए इंग्लैंड ने उन्हें छेड़ दिया।
जहीर एक संजीदा किस्म के क्रिकेटर थे। वह टेस्ट क्रिकेट को बड़ी गंभीरता से लेते थे। उन्हें पिच पर जेली बीन देखकर अच्छा नहीं लगा। उन्होंने टेस्ट के बाद साफ कहा कि पिच पर जेली बीन देखकर उन्हें ऐसा लगा कि उन्हें अपमानित कर रहे हैं। इस किस्से का आम नतीजा यही निकाला गया कि इंग्लैंड की ये अजीबोगरीब शरारत उल्टी पड़ गई क्योंकि इस ने जहीर को #39;अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित#39; कर दिया।
उन्होंने कहा: #39;जब मैं बल्लेबाजी करने आया तो क्रीज पर कुछ जेली बीन पड़ी थीं, इसलिए मैंने कुछ को तो विकेट से हटा भी दिया। अगली गेंद खेलने के बाद देखा तो और भी कुछ जेली बीन वहां गिरी हुई थीं । ज़ाहिर है, किसी ने मेरे पीछे से उन्हें फेंका और ये मुझे कतई पसंद नहीं आया। इसलिए, मैंने फील्डर्स से भी पूछा कि आखिरकार ये मामला क्या है तो वे बहस करने लग गए। मैं इससे और परेशान हो गया। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि जेली बीन कहां से आ रही हैं?#39;
इसके बाद केविन पीटरसन के साथ भी उनकी बहस हो गई। इंग्लैंड ने इस मुद्दे को न सिर्फ बड़े हल्के में लिया, इसे मज़ाक कह कर उड़ा दिया। बाद में, क्रिस ट्रेमलेट ने कहा, #39;जब दो दिन से ग्राउंड पर हों तो कभी-कभी थोड़ा मज़ाक, तनाव कम करने के लिए जरूरी सा होता है पर गड़बड़ ये हुई कि इस बार ये सब दूसरी टीम की क़ीमत पर हुआ। सच तो ये कि शायद हमने इसके लिए किसी गलत व्यक्ति को चुन लिया था।#39;
बहरहाल उन्होंने ये माना कि भले ही पीटरसन पर इस मजाक का आरोप लगा पर ये सब इयान बेल ने सोचा था। उन्होंने कहा, #39;कई खिलाड़ियों की जेब में दिन भर स्वीट्स रहती हैं। मुझे लगता है कि बेली ने अपनी जेब की उन स्वीट्स का थोड़ा अलग तरह से इस्तेमाल कर लिया।#39;
इसके बाद जेली बीन वाला ये किस्सा पूरी तरह से चर्चा से नहीं हटा। पीटरसन और कुक के नाम ही इस शैतानी में आते रहे। कप्तान माइकल वॉन से हर जगह इस मुद्दे पर ढेरों सवाल पूछे जाते रहे। वॉन और कुक दोनों का कहना था कि इस मामले को बेवजह बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया और उसने एक दिलचस्प टेस्ट मैच का माहौल बिगाड़ दिया।
जब मामला बेकाबू सा हो रहा था तो इसे खत्म करने के लिए, कप्तान माइकल वॉन ने आखिरकार जो हुआ उसके लिए माफी मांग ली, #39;...जब विकेट गिरा तो ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान स्टंप के पास दो जेली बीन गिरी रह गईं। मुझे लगता है किसी खिलाड़ी ने नए बल्लेबाज के लिए मज़ाक में ये छोड़ दी होंगी। अगर जहीर को ये अच्छा नहीं लगा तो मैं माफी चाहता हूं।#39; वॉन की फिर भी राय यही थी कि ज़हीर के प्रदर्शन को इस किस्से से नहीं जोड़ सकते क्योंकि उन्होंने पहली पारी में भी अच्छी गेंदबाज़ी की थी।
2022 में, इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी रयान साइडबॉटम भारत आए थे तो ये जेली बीन वाला किस्सा फिर से चर्चा में आ गया और तब उन्होंने इस मामले में पहली बार खुलकर बात की और बोले, #39;कभी-कभी आपको एकदम लगता है कि टेस्ट क्रिकेट और क्रिकेट खेलना बड़ा मुश्किल और तनाव वाला हो सकता है, इसी तरह कभी-कभी लगता है कि ज़िंदगी बड़ी छोटी है, तो आपको बस चेहरे पर मुस्कान के साथ इसका मजा लेना चाहिए। जेली बीन वाले उस किस्से के वक्त भारत उस मैच में टॉप पर था और हमसे बेहतर खेल रहे थे। तब यूं ही विकेट पर जेली बीन डाल दीं। इसके पीछे कोई ख़ास इरादा नहीं था। ये तो बस थोड़ा सा मज़ाक था। इंग्लिश प्रेस ने इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। हम सभी, कभी न कभी थोड़ा मजाक भी करना चाहते हैं और जो कुछ कर रहे हैं उसका मजा लेना चाहते हैं।#39;
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