नई दिल्ली: भारत सरकार का Steel Ministry चाहता है कि कम राख वाले मेट कोक (Met Coke) के आयात पर लगे प्रतिबंध को और बढ़ा दिया जाए. इसका कारण यह है कि भारत में ही अब इसकी पर्याप्त मात्रा में सप्लाई उपलब्ध है.लेकिन कुछ बड़ी इस्पात कंपनियों को इससे दिक्कत हो रही है, क्योंकि वो बाहर से कोक मंगाकर इस्पात बनाती थीं और उनका कहना है कि भारत में उनकी जरूरत के हिसाब से अच्छा क्वालिटी वाला कोक आसानी से नहीं मिलता. मेट कोक क्या होता है और क्यों ज़रूरी है?मेट कोक एक तरह का कोयला है जिसका इस्तेमाल इस्पात बनाने में किया जाता है."कम राख वाला" मेट कोक अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे कम गंदगी निकलती है और इस्पात अच्छी क्वालिटी का बनता है.दिसंबर 2024 में सरकार ने मेट कोक के आयात पर मात्रात्मक सीमा (कोटा) लगा दी थी.जनवरी से जून 2025 तक सिर्फ 1.4 मिलियन मीट्रिक टन कोक ही बाहर से मंगाने की इजाजत दी गई. अब सरकार इस प्रतिबंध को और आगे बढ़ा सकती है. मंत्रालय क्या कहता है?इस्पात मंत्रालय का कहना है कि भारत में 7 मिलियन टन कोक बनाने की क्षमता है. लेकिन अभी सिर्फ 3 मिलियन टन का ही उत्पादन हो रहा है. अगर आयात कम होगा तो देश की अपनी फैक्ट्रियों को फायदा होगा, और उनकी बिक्री बढ़ेगी. कंपनियों को क्या दिक्कत है?बड़ी कंपनियां जैसे आर्सेलर मित्तल निप्पॉन इंडिया और JSW स्टील कहती हैं कि उन्हें कुछ खास किस्म का कोक चाहिए, जो भारत में नहीं बनता. अगर उन्हें बाहर से कोक मंगाने नहीं दिया गया, तो उनकी फैक्ट्रियां कम इस्पात बनाएंगी और नए प्रोजेक्ट्स में देरी होगी.आगे क्या होगा?सरकार के वाणिज्य मंत्रालय को अगले महीने फैसला लेना है कि आयात प्रतिबंध बढ़ेगा या नहीं. इस्पात मंत्रालय का सपोर्ट जरूरी है, क्योंकि पहले भी उसने रोक लगवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.भारत ने कुछ देशों (जैसे चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया आदि) से आने वाले कोक की डंपिंग (सस्ती कीमत पर सामान बेचना) की भी जांच शुरू की है. पिछले 4 सालों में भारत में कम राख वाले कोक का आयात दोगुने से ज्यादा हो गया है.
You may also like
अधिकतर लड़के शादीशुदा महिलाओं पर क्यों हो जाते हैं फिदा? जानिए इसकी बड़ी वजह⌄ “ ↿
सिर्फ 3 दिन में सफेद बालों को काला बनाए ये 2 रुपये का घरेलू उपाय, डॉक्टर भी रह गए हैरान!
Diabetes यह हरी घास हाई ब्लड शुगर का करेगी नाश, लिवर भी होगा दमदार, जानिए कैसे करें सेवन⌄ “ ↿
ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन के दांत खट्टेे करना ही लक्ष्य रहा- डीआईजी जोशी
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा का निधन, 89 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस