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भारत ने उज्बेकिस्तान के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर किए, फार्मा, ऑटोमोबाइल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को होगा फायदा

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नई दिल्ली: भारत और उज्बेकिस्तान ने शुक्रवार को द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के निवेशकों के लिए विश्वास बढ़ाना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उज्बेकिस्तान के उप प्रधान मंत्री खोदजाएव जमशिद अब्दुखाकिमोविच के बीच ताशकंद में इस संधि पर हस्ताक्षर किए गए.इस BIT के तहत उज्बेकिस्तान के निवेशकों को भारत में और भारतीय निवेशकों को उज्बेकिस्तान में उचित सुरक्षा दी जाएगी. यह संधि निवेशकों को स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट और भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हुए विवाद समाधान के लिए स्वतंत्र फोरम का भी प्रावधान करती है. इसके अलावा यह संधि संपत्ति की हड़पने से सुरक्षा, पारदर्शिता, हानि के लिए मुआवजे और पूंजी के हस्तांतरण की व्यवस्था भी करती है.संधि में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि राज्य के नियामक अधिकारों को बनाए रखा जाए, जिससे नीतिगत स्थान में संतुलन बना रहे. इस BIT के हस्ताक्षर से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने और एक मजबूत निवेश वातावरण बनाने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है.भारत से उज्बेकिस्तान में अप्रैल 2000 से अगस्त 2024 के बीच कुल 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (ODI) हुआ है. भारतीय कंपनियों के प्रमुख निवेशों में फार्मास्यूटिकल्स, मनोरंजन पार्क, ऑटोमोबाइल घटक और हॉस्पिटैलिटी उद्योग शामिल हैं.भारत और उज्बेकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023 के अनुसार 756.60 मिलियन अमेरिकी डॉलर है. भारत के प्रमुख निर्यात में फार्मास्यूटिकल्स, मैकेनिकल उपकरण, वाहन के पार्ट्स, सेवाएं, फ्रोजन मीट, ऑप्टिकल उपकरण और मोबाइल फोन शामिल हैं. वहीं भारत के उज्बेकिस्तान से आयात में मुख्य रूप से फल और सब्जियों के उत्पाद, सेवाएं, उर्वरक, जूस उत्पाद और ल्यूब्रिकेंट्स शामिल हैं.
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