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बिटकॉइन माइनिंग क्या है? इसका ट्रांजेक्शन कैसे होता है? क्रिप्टो करंसी का भविष्य क्या है?

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नई दिल्ली: आज कल बिटकॉइन काफी चर्चा में है, काफी लोग इसे खरीद और बेच रहे है. बिटकॉइन डिजिटल करेंसी है, लेकिन अगर आपको इसे किसी को भेजना हो तो आप क्या करेगें आइयें जानते है. बिटकॉइन माइनिंग क्या है?बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है, जिसे हम छू नहीं सकते, बस ऑनलाइन ही इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे कोई सरकार या बैंक नहीं चलाता. इसे चलाने का काम कंप्यूटर और नेटवर्क करते हैं. जब कोई नया बिटकॉइन बनता है, तो उसे माइनिंग कहा जाता है.माइनिंग का मतलब है कंप्यूटर एक बहुत ही मुश्किल गणित का सवाल हल करते हैं. जो कंप्यूटर पहले इसे हल करता है, उसे इनाम के तौर पर कुछ बिटकॉइन मिलते हैं. इसी को बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं. ये काम बहुत पावरफुल कंप्यूटर करते हैं और इसमें बहुत ज्यादा बिजली लगती है.बिटकॉइन एक तरह का डिजिटल पैसा है. इस पैसे को पाने के लिए कंप्यूटर को बहुत कठिन सवाल हल करने होते हैं. जो कंप्यूटर सबसे पहले यह सवाल सुलझा देता है, उसे इनाम में बिटकॉइन मिलता है. इस पूरी प्रक्रिया को "माइनिंग" कहते हैं.मान लो एक कंप्यूटर रेस हो रही है. सभी कंप्यूटर एक जैसा सवाल सुलझा रहे हैं. जो कंप्यूटर सबसे तेज सुलझा लेता है, उसे इनाम में बिटकॉइन मिलता है. इस काम में बहुत तेज और ताकतवर कंप्यूटर लगते हैं. बहुत बिजली खर्च होती है. यही तरीका है जिससे नए बिटकॉइन पैदा होते हैं. बिटकॉइन ट्रांजेक्शन कैसे होता है?जब कोई व्यक्ति एक दूसरे को बिटकॉइन भेजता है, तो यह ट्रांजेक्शन सीधे ब्लॉकचेन नाम की तकनीक पर रिकॉर्ड होता है. ब्लॉकचेन में हर लेन-देन का हिसाब हमेशा के लिए सेव हो जाता है. ट्रांजेक्शन के स्टेप्स
  • आप किसी को बिटकॉइन भेजते हैं जैसे किसी को UPI से पैसा भेजना.
  • नेटवर्क पर मौजूद हजारों कंप्यूटर उस ट्रांजेक्शन को चेक करते हैं क्या आपके पास पैसे हैं या नहीं?
  • जब कंप्यूटर उस ट्रांजेक्शन को सही मान लेते हैं, तो वो उसे ब्लॉकचेन में जोड़ देते हैं.
  • अब पैसा सामने वाले को मिल जाता है सब कुछ डिजिटल और सेफ तरीके से.
  • इसमें किसी बैंक की जरूरत नहीं होती. पूरा सिस्टम लोगों द्वारा ही चलाया जाता है – जिसे हम डिसेंट्रलाइज सिस्टम कहते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या है?क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य बहुत हद तक तकनीक और सरकारों की नीति पर निर्भर करता है. कुछ देश इसे सपोर्ट कर रहे हैं, जैसे अमेरिका, जापान और यूएई. वहीं कुछ देश जैसे भारत या चीन अभी भी इस पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं.
  • लोग क्रिप्टो को डिजिटल गोल्ड की तरह देख सकते हैं.
  • यह इंटरनेशनल पेमेंट को आसान बना सकता है.
  • लेकिन साथ ही इसके साथ जोखिम भी हैं – जैसे हैकिंग, कीमतों में उतार-चढ़ाव और सरकारी नियम.
  • इसलिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सोच-समझकर करना चाहिए.
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