नई दिल्ली: स्मॉलकैप डिफेंस कंपनी Paras Defence and Space के स्टॉक में बुधवार को तेज़ी देखने को मिल रही है. स्टॉक में 4 प्रतिशत से ज़्यादा की तेज़ी देखने को मिली, जिससे स्टॉक ने 1702 रुपये के अपने इंट्राडे हाई लेवल को टच किया. ख़बर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर 3.32 प्रतिशत की तेज़ी के साथ 1681 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहे थे. दरअसल, कंपनी ने बताया है कि उसकी सहायक कंपनी को इंटरनेशनल प्रोजेक्ट मिला है.
कंपनी को मिला ऑर्डरपारस एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजीज (पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज की सहायक कंपनी) नामक एक भारतीय कंपनी को एक अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर मिला है, जो भारत की रक्षा तकनीक में वैश्विक विश्वास को दर्शाता है.
सेरबेयर नामक एक फ्रांसीसी कंपनी, जो एंटी-ड्रोन सिस्टम में माहिर है, पारस के नए एंटी-ड्रोन प्रोडक्ट CHIMERA 200 की 30 यूनिट खरीदने की योजना बना रही है. इसके लिए, सेरबेयर ने एक लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) दिया है. इस पूरे सौदे की कीमत लगभग €2.2 मिलियन या 22.21 करोड़ रुपये की है.
CHIMERA 200 भारतीय कंपनी द्वारा दुश्मन के ड्रोन को रोकने के लिए बनाया गया एक एडवांस इक्विपमेंट है. यह इन ड्रोन को कंट्रोल करने वाले सिग्नल को ब्लॉक या बाधित करके काम करता है, जिससे वे बेकार हो जाते हैं. इस तरह की तकनीक आज बहुत महत्वपूर्ण होती जा रही है क्योंकि ड्रोन का इस्तेमाल अक्सर आश्चर्यजनक हमलों या जासूसी के लिए किया जाता है.
सेरबेयर द्वारा CHIMERA यूनिट खरीदने का निर्णय यह दर्शाता है कि दुनिया भर के देश भारत की अपनी काउंटर-ड्रोन तकनीक में रुचि रखते हैं. यह रुचि इसलिए बढ़ रही है क्योंकि ड्रोन के खतरे अधिक एडवांस और व्यापक होते जा रहे हैं, खासकर सैन्य, राष्ट्रीय सुरक्षा और महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा जैसे सेक्टर में.
पारस डिफेंस, मुख्य कंपनी, रक्षा और अंतरिक्ष में इस्तेमाल की जाने वाली एडवांस तकनीक बनाने और निर्माण पर काम करती है. वे सिस्टम के डिज़ाइन और विकास से लेकर उनके निर्माण और परीक्षण तक सब कुछ संभालते हैं.
शेयर परफॉर्मेंस
इस साल स्टॉक ने निवेशकों को 67 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. वहीं पिछले 5 साल में स्टॉक ने निवेशकों को 241 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. स्टॉक का 52 वीक हाई लेवल 1945 रुपये है, तो स्टॉक का 52 वीक लो लेवल 809 रुपये है. इसक मतलब यह है कि स्टॉक अपने लो लेवल से 102 प्रतिशत तक उछल चुका है.
कंपनी को मिला ऑर्डरपारस एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजीज (पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज की सहायक कंपनी) नामक एक भारतीय कंपनी को एक अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर मिला है, जो भारत की रक्षा तकनीक में वैश्विक विश्वास को दर्शाता है.
सेरबेयर नामक एक फ्रांसीसी कंपनी, जो एंटी-ड्रोन सिस्टम में माहिर है, पारस के नए एंटी-ड्रोन प्रोडक्ट CHIMERA 200 की 30 यूनिट खरीदने की योजना बना रही है. इसके लिए, सेरबेयर ने एक लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) दिया है. इस पूरे सौदे की कीमत लगभग €2.2 मिलियन या 22.21 करोड़ रुपये की है.
CHIMERA 200 भारतीय कंपनी द्वारा दुश्मन के ड्रोन को रोकने के लिए बनाया गया एक एडवांस इक्विपमेंट है. यह इन ड्रोन को कंट्रोल करने वाले सिग्नल को ब्लॉक या बाधित करके काम करता है, जिससे वे बेकार हो जाते हैं. इस तरह की तकनीक आज बहुत महत्वपूर्ण होती जा रही है क्योंकि ड्रोन का इस्तेमाल अक्सर आश्चर्यजनक हमलों या जासूसी के लिए किया जाता है.
सेरबेयर द्वारा CHIMERA यूनिट खरीदने का निर्णय यह दर्शाता है कि दुनिया भर के देश भारत की अपनी काउंटर-ड्रोन तकनीक में रुचि रखते हैं. यह रुचि इसलिए बढ़ रही है क्योंकि ड्रोन के खतरे अधिक एडवांस और व्यापक होते जा रहे हैं, खासकर सैन्य, राष्ट्रीय सुरक्षा और महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा जैसे सेक्टर में.
पारस डिफेंस, मुख्य कंपनी, रक्षा और अंतरिक्ष में इस्तेमाल की जाने वाली एडवांस तकनीक बनाने और निर्माण पर काम करती है. वे सिस्टम के डिज़ाइन और विकास से लेकर उनके निर्माण और परीक्षण तक सब कुछ संभालते हैं.
शेयर परफॉर्मेंस
इस साल स्टॉक ने निवेशकों को 67 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. वहीं पिछले 5 साल में स्टॉक ने निवेशकों को 241 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. स्टॉक का 52 वीक हाई लेवल 1945 रुपये है, तो स्टॉक का 52 वीक लो लेवल 809 रुपये है. इसक मतलब यह है कि स्टॉक अपने लो लेवल से 102 प्रतिशत तक उछल चुका है.
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