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अनिल अंबानी के 400 रुपये के इस स्टॉक में लगा अपर सर्किट, कंपनी को सबसे बड़ी डिफेंस कंपनी से मिला 600 करोड़ का ऑर्डर

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नई दिल्ली: बुधवार को अनिल अंबानी की कंपनी Reliance Infrastructure Ltd का स्टॉक शुरुआती कारोबार के दौरान मामूली तेज़ी दिखा रहा था. लेकिन दिन के 1 बजे के बाद इसने रफ्तार पकड़ ली. यह रफ्तार इतनी जबरदस्त थी कि स्टॉक में 5 प्रतिशत का अपर सर्किट लग गया. इससे स्टॉक की कीमत 404 रुपये पर लॉक हो गई. इसके अलावा स्टॉक अपने 52 वीक हाई लेवल के भी बिल्कुल नज़दीक है, जो कि 420 रुपये है. यह तेज़ी तब देखने को मिली, जब कंपनी ने बताया कि उसे जर्मनी की दिग्गज कंपनी से एक डिफेंस ऑर्डर हाथ लगा है.



कंपनी को मिला डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट

कंपनी ने 25 जून को बताया कि उसकी सहायक डिफेंस कंपनी रिलायंस डिफेंस को एक जानी-मानी जर्मन डिफेंस कंपनी, राइनमेटल से 600 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट ऑर्डर मिला है.



रिलायंस डिफेंस ने कहा कि यह सौदा जर्मन कंपनी राइनमेटल वेफ म्यूनिशन जीएमबीएच के साथ उसकी साझेदारी को और मजबूत बनाता है और अंतरराष्ट्रीय बाजारों, खासकर यूरोप में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह ऑर्डर भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रमों का भी समर्थन करता है, जिसका उद्देश्य भारत में डिफेंस प्रोडक्शन को बढ़ावा देना है.



कंपनी महाराष्ट्र के रत्नागिरी में अपने आगामी धीरूभाई अंबानी डिफेंस सिटी (डीएडीसी) से ऑर्डर को पूरा करने की योजना बना रही है. डीएडीसी प्रोजेक्ट को भारत के सबसे बड़े नए (ग्रीनफील्ड) निजी डिफेंस मन्यूफैक्चरिंग कॉम्पलैक्स के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. इसमें गोला-बारूद, विस्फोटक और छोटे हथियार बनाने की सभी सुविधाएँ होंगी.



रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा कि इस सौदे से भारत में एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजी आएगी और कंपनी को भारत के शीर्ष तीन रक्षा निर्यातकों में से एक बनने में मदद मिलेगी. राइनमेटल के सीईओ आर्मिन पैपरगर ने भी कहा कि यह साझेदारी भारत के साथ काम करने की उनकी लॉन्गटर्म योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.



राइनमेटल दुनिया की सबसे बड़ी रक्षा कंपनियों में से एक है, जिसका मार्केट कैप 80 बिलियन यूरो से अधिक है. 2024 में इसने 9.8 बिलियन यूरो का रेवेन्यू कमाया था. रिलायंस के साथ इसकी साझेदारी दर्शाती है कि यह भारत की निजी रक्षा कंपनियों की क्षमताओं पर भरोसा और विश्वास करता है.



FII भी बढ़ा रहे हैं हिस्सेदारी

कंपनी में इस तिमाही एफआईआई ने भी हिस्सेदारी बढ़ाई है. ट्रेंडलाइन के मुताबिक,एफआईआई ने मार्च 2025 तिमाही में अपनी हिस्सेदारी को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 11.35 प्रतिशत कर दी है.

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