Next Story
Newszop

भारत का चंद्रमा मिशन: 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री की चंद्रमा पर कदम रखने की योजना

Send Push
भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं में वृद्धि

भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ती क्षमताओं को उजागर करते हुए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए स्वतंत्र प्रभार के केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुक्ला द्वारा किए गए वैज्ञानिक प्रयोग पूरी तरह से भारत में विकसित और तैयार किए गए थे। यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। उन्होंने लोकसभा में चंद्रमा मिशन के बारे में भी जानकारी दी।


चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "2040 तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर कदम रखेगा।" संसद में अपने संबोधन के दौरान, डॉ. सिंह ने बताया कि इन प्रयोगों का दायरा जीवन विज्ञान, कृषि, जैव प्रौद्योगिकी और संज्ञानात्मक विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों तक फैला हुआ है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन शोध के परिणाम केवल अंतरिक्ष विज्ञान तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं, कृषि सुधारों, आपदा प्रबंधन और शहरी योजना में भी लाभकारी होंगे।


महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशनों की योजना

इस दूरदर्शी योजना के तहत, भारत ने अब NASA, Axiom Space और SpaceX जैसी विश्व की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ महत्वपूर्ण सहयोग स्थापित किया है। आने वाले वर्षों में, देश कई ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशनों को अंजाम देने के लिए तैयार है, जिनमें शामिल हैं:



  • 2026: मानवाकार रोबोट मिशन 'व्योममित्र' का प्रक्षेपण

  • 2027: गगनयान कार्यक्रम के तहत पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री की उड़ान

  • 2035: भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित होगा

  • 2040: एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की सतह पर कदम रखेगा


भारत की अंतरिक्ष शक्ति

डॉ. सिंह ने आशा व्यक्त की कि "2047 से पहले, एक युवा भारतीय चंद्रमा से विकसित भारत की घोषणा करेगा।" स्वदेशी तकनीक और वैश्विक सहयोग के संयोजन के साथ, भारत न केवल अंतरिक्ष विज्ञान में अपनी पहचान बना रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति के रूप में भी उभर रहा है।


Loving Newspoint? Download the app now