सुबह की दिनचर्या में आंवला चाय शामिल करें, प्राकृतिक रूप से कोलेजन बढ़ाने के लिए
वर्तमान में, सोशल मीडिया और आम जनता के बीच शरीर को डिटॉक्स करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जूस, डाइट, डिटॉक्स टी, और हर्बल सप्लीमेंट्स जैसे कई उत्पादों का प्रचार किया जा रहा है, जो दावा करते हैं कि ये शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। लोग बिना किसी चिकित्सकीय सलाह के इन पेय पदार्थों का सेवन कर रहे हैं, लेकिन क्या वास्तव में शरीर को डिटॉक्स करने की आवश्यकता होती है?
इस विषय पर हमने विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया कि क्या शरीर को डिटॉक्स करने की आवश्यकता है और क्या बाजार में उपलब्ध पेय पदार्थ इस प्रक्रिया में सहायक हैं?
सफदरजंग अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ. दीपक कुमार का कहना है कि हमारा शरीर स्वाभाविक रूप से खुद को डिटॉक्स करने में सक्षम है। लिवर, किडनी, फेफड़े और त्वचा लगातार विषैले पदार्थों को बाहर निकालते हैं। पसीना, पेशाब और मल के माध्यम से यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। यदि कोई व्यक्ति स्वस्थ जीवनशैली का पालन कर रहा है, तो उसे अलग से डिटॉक्स डाइट की आवश्यकता नहीं होती।
डिटॉक्स उत्पाद: केवल मार्केटिंग का खेलश्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि जब तक किसी व्यक्ति को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं नहीं होतीं, जैसे लिवर या किडनी की खराबी, तब तक शरीर को किसी विशेष डिटॉक्स उत्पाद की आवश्यकता नहीं होती। बाजार में उपलब्ध डिटॉक्स ड्रिंक्स और सप्लीमेंट्स अक्सर वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित नहीं होते। ये केवल अस्थायी हल्कापन महसूस कराते हैं, लेकिन असली डिटॉक्स नहीं करते।
डॉ. अंकित का कहना है कि यदि हम संतुलित आहार लें, पर्याप्त पानी पिएं, नियमित व्यायाम करें और अच्छी नींद लें, तो शरीर की स्वाभाविक सफाई प्रक्रिया और भी बेहतर हो जाती है। कुछ दिनों तक केवल जूस या हर्बल टी पीने से शरीर से विषैले तत्व बाहर नहीं निकलते। इसके विपरीत, लंबे समय तक ऐसा करने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलते, जिससे कमजोरी, सिरदर्द और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
किसे वास्तव में डिटॉक्स की आवश्यकता होती है?कुछ व्यक्तियों को वास्तव में डिटॉक्स की आवश्यकता हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति अधिक शराब का सेवन करता है या अत्यधिक प्रोसेस्ड और जंक फूड खाता है, तो उसे डिटॉक्स करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, जो लोग अधिक दवाएं लेते हैं, उन्हें भी अपने लिवर और किडनी को स्वस्थ रखने के लिए डिटॉक्सिफाइंग खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। लिवर या किडनी की बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को डॉक्टर की सलाह लेकर उचित आहार का पालन करना चाहिए।
प्राकृतिक तरीके से शरीर को टॉक्सिन मुक्त कैसे रखें?दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं, ताकि शरीर से टॉक्सिन्स नैचुरली बाहर निकलते रहें।
फाइबर युक्त आहार लें—जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज।
प्रोसेस्ड फूड, अधिक चीनी और तले-भुने खाद्य पदार्थों से बचें।
रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें, ताकि शरीर का मेटाबॉलिज्म सही बना रहे।
अच्छी नींद लें, जिससे शरीर खुद को रिपेयर कर सके।
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