केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की प्रक्रिया में तेजी आई है। जनवरी में सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी, जिसके बाद से कर्मचारी और पेंशनर्स अपने वेतन में वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे। अब सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि जल्द ही कर्मचारियों के वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिलेगी।
वेतन वृद्धि की प्रक्रिया
कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि का इंतजार अब खत्म होने वाला है। इस बार महंगाई और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए पेंशन और सैलरी में संशोधन किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में 44 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की संभावना है। इसके परिणामस्वरूप सैलरी की गणना में भी बदलाव आएगा।
कैबिनेट की बैठक में निर्णय
कैबिनेट की बैठक में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी गई।
यह माना जा रहा है कि नया वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा। सरकार हर दस साल में नया वेतन आयोग लागू करती है, और 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से प्रभावी हुआ था। इस प्रकार, 8वां वेतन आयोग इस वर्ष के अंत तक शुरू हो जाएगा। इसके गठन की प्रक्रिया अप्रैल में शुरू हो सकती है।
कर्मचारी संगठनों की मांगें
कर्मचारी संगठनों ने वेतन वृद्धि के लिए नई मांगें रखी हैं।
8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी में बंपर वृद्धि की उम्मीद है। महंगाई से निपटने के लिए सैलरी में संशोधन किया जाता है। इस बार, कर्मचारियों और संगठनों ने मांग की है कि वेतन संशोधन हर 10 साल के बजाय हर 5 साल में किया जाए।
पिछली वेतन वृद्धि
पिछली बार वेतन में कितनी वृद्धि हुई थी।
7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में 11,000 रुपये की वृद्धि की गई थी। उस समय फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी। इस बार, बेसिक सैलरी में 44.44 प्रतिशत की वृद्धि की चर्चा है, जिससे यह 26,999 रुपये प्रति माह हो सकती है।
कुछ रिपोर्टों के अनुसार, वेतन में 90 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है, जिससे सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 34,200 रुपये प्रति माह तक पहुंच सकती है।
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