धतूरा एक विशेष प्रकार का पौधा है, जिसकी ऊँचाई लगभग 1 मीटर तक होती है। यह पौधा काले और सफेद रंग में पाया जाता है, जिसमें काले रंग के फूल नीली चित्तियों के साथ होते हैं। हिंदू धर्म में, धतूरा के फल, फूल और पत्ते भगवान शिव को चढ़ाए जाते हैं।
आयुर्वेद में धतूरा का महत्व
आचार्य चरक ने इसे 'कनक' और सुश्रुत ने 'उन्मत्त' नाम से जाना है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे विष वर्ग में रखा गया है, लेकिन इसके छोटे-छोटे भागों का उपयोग कई बीमारियों के उपचार में किया जाता है।
धतूरा के फायदे
आजकल, सफेद बालों और गंजेपन की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। यदि आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो धतूरा आपके लिए एक प्रभावी उपाय हो सकता है। इसके पत्तों को पीसकर माथे पर लगाने से, सप्ताह में तीन बार करने पर, एक महीने में परिणाम दिखने लगते हैं।
इसके अलावा, खांसी, सर्दी, जुकाम, और पेट में कीड़ों की समस्या के लिए धतूरा के पत्तों का दूध के साथ सेवन करना फायदेमंद होता है। यह न केवल इन समस्याओं को दूर करता है, बल्कि शरीर की ऊर्जा भी बढ़ाता है।
यदि आपकी त्वचा से संबंधित कोई समस्या है, तो सुबह एक धतूरा का पत्ता खाने से लाभ होता है। इसके पत्तों को सुखाकर चूर्ण बनाकर भी दूध के साथ लिया जा सकता है, जिससे मर्दाना ताकत में वृद्धि होती है।
सिरदर्द के लिए, इन पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाकर माथे पर लगाने से राहत मिलती है। इसके अलावा, बवासीर के उपचार में भी धतूरा का रस दही के साथ मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।
निष्कर्ष
धतूरा के अनेक लाभ हैं, लेकिन आज के लिए इतना ही। अगली बार हम और भी जानकारी के साथ मिलेंगे। तब तक स्वस्थ रहें और खुश रहें।
You may also like
कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया
कलेक्ट्रेट के निकट बर्निंग कार से दहशत, शॉर्ट सर्किट से भभकी आग
गुलाबी नगरी जयपुर में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेम्स डेविड का किया जाएगा भव्य स्वागत : मदन राठौड़
(अपडेट) बीकेटीसी का 18 सदस्यीय अग्रिम दल केदारनाथ धाम के लिए रवाना
ठाकरे बंधुओं की मानसिकता देश व भाषा के प्रति दूषित : शांडिल्य महाराज