आईआईटी कानपुर ने कर दिया कमालImage Credit source: IIT K FB Page
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) कानपुर ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह संस्थान अब देश में सबसे अधिक स्टार्टअप्स वाला शैक्षणिक संस्थान बन गया है। दो वर्ष पूर्व, इसे नवाचार के क्षेत्र में देश के शैक्षणिक संस्थानों में पहली रैंक प्राप्त हुई थी। इस नई उपलब्धि के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि अन्य श्रेणियों में भी इसकी रैंकिंग में सुधार होगा, जिससे छात्रों को लाभ होगा।
आईआईटी कानपुर ने स्टार्टअप्स के क्षेत्र में क्या कार्य किए हैं, आइए जानते हैं। इस उपलब्धि के लिए कितने स्टार्टअप स्थापित किए गए हैं।
एक साल में 200 से अधिक स्टार्टअप्स की स्थापना एक साल में जोड़े 200 से अधिक स्टार्टअप, 500 हुई संख्या
आईआईटी कानपुर ने 500 स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेट कर यह उपलब्धि हासिल की है। दूसरे शब्दों में, 500 स्टार्टअप्स की स्थापना के कारण ही इसे देश में सबसे अधिक स्टार्टअप्स वाला शैक्षणिक संस्थान का खिताब मिला है। इसके लिए संस्थान के स्टार्टअप इन्क्यूबेशन और इनोवेशन सेंटर (SIIC) ने कड़ी मेहनत की है। इस संख्या तक पहुंचने के लिए, SIIC ने पिछले एक वर्ष में 200 से अधिक स्टार्टअप्स को अपने साथ जोड़ा है। संस्थान के निदेशक मणीन्द्र अग्रवाल ने SIIC प्रभारी दीपू फिलीप के साथ इस सफलता का जश्न मनाया है।
स्टार्टअप्स ने आर्थिक मजबूती में योगदान दिया स्टार्टअप्स ने 12000 करोड़ जुटाए
स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेट करने से न केवल IIT कानपुर की रैंकिंग में सुधार होगा, बल्कि इससे संस्थान को आर्थिक रूप से भी मजबूती मिलेगी। यदि कोई स्टार्टअप बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करता है, तो संस्थान को रॉयल्टी के रूप में लाभ होने की संभावना है। इस दिशा में तैयारियां की गई हैं, और इन स्टार्टअप्स के लिए 12000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां जुटाई गई हैं।
आईआईटी कानपुर के निदेशक मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि 500 से अधिक स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेट करने का लक्ष्य हासिल करना संस्थान की नवाचार और उद्यमिता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि इन स्टार्टअप्स के लिए 12000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां जुटाई गई हैं। इसके अलावा, SIIC ने 150 से अधिक महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को भी प्रोत्साहित किया है। इस प्रकार, स्टार्टअप्स के माध्यम से 22 राज्यों में 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार भी मिला है।
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