भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को आसाराम बापू को बलात्कार के मामले में अंतरिम जमानत प्रदान की है। यह राहत उन्हें 2013 के मामले में चिकित्सा आधार पर मिली है, और उन्हें 31 मार्च तक जमानत दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आसाराम को जमानत मिलने के बाद अपने अनुयायियों से मिलने की अनुमति नहीं होगी। अदालत ने बताया कि 86 वर्षीय आसाराम हृदय रोग और अन्य उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हैं।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि आसाराम को तीन पुलिसकर्मियों द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करें और उन्हें अपने अनुयायियों से सामूहिक रूप से मिलने की अनुमति नहीं होगी। यह निर्णय गुजरात में चल रहे बलात्कार मामले से संबंधित है, जिसमें वह आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
आजीवन कारावास की सजा
जनवरी 2023 में, सत्र अदालत ने आसाराम बापू को 2013 के बलात्कार मामले में दोषी ठहराया था। यह मामला एक महिला द्वारा दर्ज किया गया था, जो उस समय गांधीनगर के पास उनके आश्रम में रह रही थी। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा था, जिसमें उन्होंने निचली अदालत द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा को रद्द करने की मांग की थी। अदालत ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार तभी किया जाएगा जब कोई चिकित्सीय आधार प्रस्तुत किया जाएगा।
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