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हरियाणा के किसान बिजेंद्र दलाल की सफलता की कहानी: तकनीक से फूलों की खेती में कमाई

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हरियाणा के प्रगतिशील किसान की कहानी

हरियाणा के किसान अपनी खेती के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। पलवल जिले के बिजेंद्र दलाल एक ऐसे किसान हैं, जो तकनीक का उपयोग करके फूलों की खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं। वे हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं। लोग उनसे खेती के बारे में जानकारी लेने दूर-दूर से आते हैं।



बिजेंद्र दलाल ने 1984 से खेती शुरू की थी। प्रारंभ में उन्होंने पारंपरिक खेती की, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने फूलों की खेती की ओर रुख किया।


वर्तमान में, वे बड़े पैमाने पर गुलाब की खेती कर रहे हैं। उनके पास नेट हाउस में साढ़े आठ एकड़ में 25 से 30 हजार गुलाब के पौधे हैं।


इन पौधों की लागत लगभग 25 लाख रुपये आई। पहले साल में उन्होंने 5 लाख रुपये का मुनाफा कमाया और अगले चार वर्षों में 10 लाख रुपये का मुनाफा होने की उम्मीद है।


जापान से आयातित बीज से ब्रासिका की खेती


बिजेंद्र ने अपने खेतों में 60 दिनों तक ताजगी बनाए रखने वाले ब्रासिका फूल की खेती की। इसके बीज उन्होंने जापान से मंगाए थे। यह फूल दो महीने तक खराब नहीं होता।


इसकी चमक मेहमानों को आकर्षित करती है। एक एकड़ में इसकी खेती से किसान 10 लाख रुपये तक की आय प्राप्त कर सकता है। पौधों की लागत लगभग 10-13 रुपये होती है, जबकि व्यापारी इन्हें 30 से 35 रुपये प्रति पीस खरीदते हैं।


परिवहन और अन्य खर्चों को घटाने के बाद, प्रति एकड़ किसान को न्यूनतम 10 लाख रुपये की आय होती है। व्यापारी इन्हें 70 से 150 रुपये प्रति पीस बेचते हैं। ब्रासिका फूल की विशेषता यह है कि कटाई के बाद यह 60 दिनों तक खराब नहीं होता। इसकी उच्च कीमत के कारण इसकी खपत कम होती है, जिससे नुकसान भी कम होता है।


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सामूहिक खेती का लाभ


बिजेंद्र के पास पारिवारिक जमीन है और वे अपने दो भाइयों के साथ मिलकर खेती करते हैं। उनका मानना है कि इससे खर्च कम होता है और सामूहिक प्रयास से काम भी बंट जाता है, जिससे पैदावार बढ़ती है।


वे अन्य किसानों के साथ मिलकर भी खेती कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।


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