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कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव: 9 नए सचिवों की नियुक्ति

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कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक फेरबदल

कांग्रेस में फेरबदल

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने मंगलवार को पार्टी के संगठन में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की स्वीकृति से 9 नए सचिवों की नियुक्ति की गई है, साथ ही कई राज्यों में कार्यों का पुनर्वितरण भी किया गया है।

पार्टी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ये सभी नियुक्तियां और परिवर्तन तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं। इस कदम का उद्देश्य पार्टी संगठन को सशक्त बनाना और आगामी चुनावी रणनीति को अधिक प्रभावी बनाना है।


नए AICC सचिवों की सूची किसको बनाया गया नया AICC सचिव?

इस फेरबदल में 9 नए AICC सचिवों की नियुक्ति की गई है, जिन्हें विभिन्न राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें कई युवा चेहरे शामिल हैं:

  • श्रीनिवास बी. वी. — गुजरात
  • टी. एन. प्रतापन — पुदुचेरी एवं लक्षद्वीप
  • संजना जाटव — मध्य प्रदेश
  • सचिन सावंत — तेलंगाना
  • रेहाना रयाज चिश्ती — महाराष्ट्र
  • हिना कांवरे — पंजाब
  • सूरज ठाकुर — पंजाब
  • जेट्टी कुसुम कुमार — ओडिशा
  • निवेदिथ अल्वा — तमिलनाडु

  • महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का आवंटन किसे मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां?

    मुंबई के उत्तर भारतीय समाज के युवा नेता सूरज ठाकुर को AICC सचिव के साथ-साथ पंजाब राज्य के पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी भी दी गई है। महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले पार्टी द्वारा एक उत्तर भारतीय चेहरे को यह जिम्मेदारी देना एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जिसका सीधा फायदा बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) जैसे चुनावों में हो सकता है।

    पार्टी ने श्रीनिवास बी. वी., सूरज ठाकुर, देवेंद्र यादव और निवेदित अल्वा जैसे युवा नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपकर युवाओं पर विश्वास जताया है।


    मौजूदा सचिवों के कार्यक्षेत्र में बदलाव मौजूदा सचिवों के बदले गए काम

    कुछ मौजूदा AICC सचिवों के कार्यक्षेत्र में भी बदलाव किया गया है। उषा नायडू को अब मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। भूपेंद्र मरावी को झारखंड, देवेंद्र यादव को अब गुजरात, परगट सिंह को जम्मू एवं कश्मीर और मनोज यादव को उत्तराखंड का कार्य सौंपा गया है। ये सभी बदलाव आने वाले समय में कई राज्यों में होने वाले चुनावों और पार्टी की आंतरिक ताकत को बढ़ाने की तैयारी का हिस्सा माने जा रहे हैं।


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