क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे पूर्वज प्याज को फोड़कर क्यों खाते थे? इसका कारण यह है कि प्याज के काटने पर उसमें मौजूद रासायनिक तत्व तेजी से प्रतिक्रिया करते हैं।
प्याज का उपयोग पिछले 5000 वर्षों से भारत और विश्वभर में किया जा रहा है। प्याज में सल्फर की उच्च मात्रा होती है, जिससे काटने पर सल्फ्युरिक अम्ल (H2SO4) बनता है। यह अम्ल अन्य धातुओं के साथ क्रिया कर उन्हें नष्ट कर सकता है।
इसके अलावा, प्याज की हर परत पर एक झिल्ली होती है, जो काटने पर टूट जाती है। इसलिए, इसे काटने के बजाय फोड़कर खाना अधिक फायदेमंद है।
प्याज के ऊपरी हिस्से में सल्फर युक्त तत्व अधिक होते हैं, जबकि बीच में क्वेरसेटिन पाया जाता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। Wageningen विश्वविद्यालय के अनुसार, प्याज का यह हिस्सा जल्दी पचता है और विटामिन ई का अच्छा स्रोत है। 100 ग्राम प्याज में यह 22.40 से 51.82 मिलीग्राम तक होता है।
स्विट्जरलैंड के Bern विश्वविद्यालय ने पाया कि चूहों को रोजाना एक ग्राम प्याज देने से उनकी हड्डियाँ 17% मजबूत हो गईं। प्याज का मध्य भाग पेट के अल्सर और हृदय रोगों के लिए फायदेमंद है।
इसलिए, प्याज को कभी भी काटकर सलाद में शामिल न करें। इसे फोड़कर खाने से आपको स्वास्थ्य लाभ मिलेंगे और आंसू भी नहीं आएंगे। हमारे पूर्वज प्याज को फोड़कर या हरे पत्तों के साथ सीधे खाते थे, जैसे हम सेब और अमरूद खाते हैं।
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