Foldable Smartphones की डिमांड बढ़ने की वजह से अब कंपनियां भी नए और एडवांस टेक्नोलॉजी वाले फोल्डेबल फोन उतार रही हैं. Samsung, Google, OnePlus और Vivo के बाद अब Apple का भी पहले फोल्डेबल फोन जल्द लॉन्च किया जा सकता है. फोल्डेबल फोन दिखने में तो भले ही शानदार लगता है लेकिन कीमत होश उड़ा देती है, आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों फोल्डेबल फोन की कीमत लाखों में होती है? फोल्डेबल फोन महंगे होने के कई कारण हैं, जैसे कि लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और जटिल मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस उत्पादन आदि.
इन कारणों की वजह से महंगा मिलता है फोल्डेबल फोनFlexible Screen: फोल्डेबल स्मार्टफोन में सबसे महंगा पार्ट है फ्लेक्सिबल स्क्रीन, ट्रेडिशनल डिस्प्ले की तुलना मुड़ने वाली स्क्रीन की जटिल मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग के कारण फोन को बनाना ज्यादा महंगा पड़ता है. यही कारण है कि जब कंपनियां फोल्डेबल फोन को लॉन्च करती हैं, इनकी कीमत लाखों में पहुंच जाती है.
Crease: डिस्प्ले जब मुड़ती है तब स्क्रीन के बीच में क्रीज कम दिखाई दे या फिर नजर न आए, इसके लिए लगातार रिसर्च और डेवलपमेंट पर कंपनियां भारी निवेश कर रही हैं. रिसर्च और डेवलपमेंट कॉस्ट की वजह से भी फोल्डेबल फोन की कीमत बढ़ जाती है.
Advanced Hinge Mechanism: डिस्प्ले के बाद दूसरा महंगा पार्ट हिंज यानी कब्जा है, बिना किसी नुकसान फोन को आसानी से मोड़ने और खोलने में हिंज मदद करता है. हिंज को मजबूत बनाना पड़ता है जिससे कि अगर ग्राहक फोन खरीदने के बाद हजारों-लाखों बार फोन को फोल्ड और अनफोल्ड भी करे तो मोबाइल खराब न हो. यही नहीं हिंज को बारीक भी रखना चुनौती है जिससे कि फोन मोटा न लगे.
हार्डवेयर: फोल्डेबल फोन के लिए कंपनियां लाखों रुपए लेती हैं लेकिन बदले में आपको शक्तिशाली प्रोसेसर, बेहतर कैमरा सिस्टम और अन्य हाई-एंड कंपोनेंट्स भी ऑफर किए जाते हैं. कंपोनेंट्स महंगे होने की वजह से फोन की कीमत बढ़ जाती है.
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