Himachali Khabar
हरियाणा के सिरसा में स्थित बस स्टैंड कार्यालय में पुरानी पेंशन बहाली समिति के सदस्यों द्वारा रविवार को बैठक की गई। ये आयोजन रोडवेज कर्मचारियों के साथ किया गया। इस अवसर पर संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 और राज्य सरकार ने 1 जनवरी 2006 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन खत्म कर एनपीएस लागू कर दी थी, इसमें कर्मचारियों के मूल वेतन का 10 प्रतिशत कटौती और 14 प्रतिशत सरकारी खजाने से निकाल कर शेयर बाजार में निवेश किया जाता है रिटायरमेंट पर कुल जमा राशि का 60 प्रतिशत एक मुश्त मिलता है, जबकि बाकी रकम से पेंशन बनती है, यह पेंशन इतनी कम होती है कि कर्मचारी अपने परिवार की जरूरत को पूरी नहीं कर सकता।
पुरानी पेंशन योजना में अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था। पुरानी पेंशन के लिए समिति 2018 से संघर्षरत है और इस आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार ने कुछ दिन पूर्व यूनिफाइड पेंशन स्कीम का एक प्रस्ताव रखा था, जिसे 1 अप्रैल 2015 से लागू कर दिया गया है। इस योजना में कर्मचारियों को 25 साल की सेवा के बाद अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन देने का प्रावधान है, लेकिन रिटायरमेंट पर मिलने वाली 60 प्रतिशत एक मुश्त राशि नहीं दी जाएगी। इस अवसर पर राजकुमार ने बताया कि यह योजना कोई फायदा पहुंचाने वाली नहीं है। इस योजना का कर्मचारी वर्ग पुरजोर विरोध करते हैं। एक तरफ तो राजनीतिज्ञ अपनी तन वाह 24 प्रतिशत बढ़ाते हैं, दूसरी तरफ कर्मचारियों को 2 प्रतिशत महंगाई भत्ता देकर वाह वाही लूटते हैं। कर्मचारी अपने जीवन के 30 साल सरकारी सेवा में व्यतीत करता है, जिसको तो कुछ पेंशन दी नहीं जाती और एक नेता जो जितनी बार ही चुनाव लड़े, उसे उतनी ही पेंशन दी जाती है। यह कहां तक न्याय संगत है।
इसलिए आने वाले समय में आंदोलन को तेज करने के लिए उन्होंने रोडवेज कर्मचारियों से आग्रह किया कि रोडवेज के सभी कर्मचारी इक_े होकर संघर्ष समिति का साथ दें। इस अवसर पर सिरसा डिपू के सांझा मोर्चे के सभी सदस्यों ने एकजुट होकर कहा कि हम संघर्ष समिति के साथ हैं। हर प्रकार की कुर्बानी और बलिदान देने के लिए तैयार हैं। इस अवसर पर सांझा मोर्चा के वरिष्ठ सदस्यों ने आने वाली 8 अप्रैल से 9 अप्रैल तक 24 घंटे की जो भूख हड़ताल है, उस में बढ़ चढ़कर भाग लेने का भी आह्वान किया। इस अवसर पर सिरसा डिपो का सांझा मोर्चा और संघर्ष समिति के सदस्य देवेन्द्र कुमार, रंजीत सिंह, राजेश कुमार, सोनू कुमार, राजपाल और सिरसा डिपू के तमाम कर्मचारी उपस्थित रहे।
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