अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस ने चेतावनी दी है कि पृथ्वी के पास अब कोई Plan B नहीं है. उन्होंने कहा कि भविष्य में इंसानों को भारी उद्योगों और डेटा सेंटर्स को पृथ्वी से बाहर, यानी चांद या ऑर्बिटल स्पेस में ले जाना होगा ताकि प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव कम किया जा सके. टेक कंपनियां जैसे Google और Axiom Space पहले से ही अंतरिक्ष में AI डेटा सेंटर बनाने के प्रयोग कर रही हैं. बेजोस के मुताबिक, पृथ्वी को सिर्फ रहने के लिए बचाना होगा, न कि उद्योगों से भरने के लिए.
Google और टेक कंपनियों की ‘स्पेस रेस’Google ने हाल ही में Project Suncatcher की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष में AI डेटा सेंटर्स स्थापित करना है. यह प्रोजेक्ट धरती पर बढ़ते ऊर्जा और कूलिंग संसाधनों के बोझ को कम करने की दिशा में कदम है. इसके अलावा Starcloud, Lonestar Data Systems और Axiom Space जैसी कंपनियां भी अंतरिक्ष में AI इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की योजना बना रही हैं. इन सेंटर्स में सीधे सूर्य की ऊर्जा का उपयोग किया जा सकेगा, जिससे धरती के संसाधनों पर निर्भरता घटेगी.
बेजोस का विजन: पृथ्वी सिर्फ रहने की जगह बनेजेफ बेजोस का कहना है कि औद्योगिक विस्तार अब पृथ्वी की सीमाओं से बाहर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों और डेटा सेंटर्स को अंतरिक्ष या चांद पर ले जाने की जरूरत है ताकि पृथ्वी का पर्यावरण बचा रहे. बेजोस के अनुसार, हमारे पास कोई प्लान B नहीं है. हमें पृथ्वी को बचाना ही होगा. उनका मानना है कि पृथ्वी को इंसानों के रहने के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए, जबकि भारी उद्योग अंतरिक्ष में शिफ्ट हों.
2040 तक स्पेस में रहेंगे लाखों लोगजेफ बेजोस ने हाल ही में इटालियन टेक वीक के दौरान कहा कि अगले कुछ दशकों में लाखों लोग अंतरिक्ष में रहेंगे. उन्होंने बताया कि AI सिस्टम और रोबोट इंसानों की जगह वहां काम करेंगे. बेजोस का मानना है कि 2040 के दशक तक कई लोग अंतरिक्ष में रहना पसंद करेंगे, सिर्फ इसलिए नहीं कि पृथ्वी रहने योग्य नहीं रही, बल्कि क्योंकि यह एक नई संभावनाओं की दुनिया होगी.
Elon Musk और अन्य टेक लीडर्स का साझा मिशनबेजोस अकेले नहीं हैं जो मानव जीवन को पृथ्वी से बाहर ले जाने की सोच रहे हैं. एलन मस्क का मानना है कि 2028 तक इंसान मंगल ग्रह पर पहुंच जाएगा. वहीं, Sam Altman और अन्य टेक लीडर्स भी भविष्य के स्पेस जॉब्स और इकोनॉमी पर बात कर रहे हैं. Blue Origin और SpaceX जैसी कंपनियां पहले से ही रॉकेट, लैंडर और ऑर्बिटल हैबिटैट बनाने में जुटी हैं. इन सबका उद्देश्य एक ही है, स्पेस को सिर्फ एक एस्केप प्लान नहीं बल्कि एक्सपैंशन प्लान बनाना.
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