आपने फिल्म में देखा होगा कि जब बहू विधवा होती है, तो उसका ससुर उनकी बहु की दूसरी बार शादी करते हैं। लेकिन इसके कोई वास्तविक उदाहरण नहीं हैं। यह केवल कल्पना और फिल्मों में दिखाया गया है। लेकिन आज हम आपको देहरादून में घटी एक ऐसी ही घटना से रूबरू करा रहे हैं। जहां ससुराल वाले माता-पिता बन गए और अपनी बहू की दूसरी शादी की व्यवस्था की। जी हां, जिस घटना का हम वास्तव में जिक्र कर रहे हैं, वह है देहरादून के बालावाला में रहने वाले कमला परिवार के विजय चंद्र की।
परिवार के बेटे संदीप ने कविता से शादी की। इससे कमला परिवार में खुशी और शांति का माहौल बना, लेकिन नियति ने कुछ अलग करना स्वीकार किया। दरअसल, हम आपको बताते हैं कि संदीप की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। कमला परिवार में खुशी का माहौल दुख की घड़ी में बदल गया। इससे कमला परिवार में तनाव का माहौल बन गया। लेकिन विजय चंद्र ने कड़ी मेहनत की और परिवार को एकजुट रखा।
इस ससुर ने अपनी बहू कविता के लिए दूसरे बेटे की तलाश शुरू कर दी। और तेजपालसिंह नाम के लड़के से उसकी शादी कर दी। साथ ही, यह विवाह कविता की सहमति से तय किया गया था। विजय चंद्रा ने अपनी बहू को अपनी बेटी बनाया और दूसरी बार उससे बड़े पैमाने पर शादी की। लेकिन कविता कहती है कि वह कभी भी अपनी सास को अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी। उन्होंने मुझे बहुत प्यार और सम्मान दिया। साथ ही, उसने कहा कि उन्होंने हमेशा मेरे साथ एक बेटी की तरह व्यवहार किया और मेरे ससुर ने जरूरत पड़ने पर मेरी देखभाल की।
तो विजय चंद्र कहते हैं कि मेरी बहू मेरी बेटी की तरह है। विजय चंद्र जैसे लोग कम ही देखे जाते हैं जो अपनी बहू को अपनी बेटी मानते हैं। समाज को ऐसे लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए। वहीं विजय चंद्रा का कहना है कि जब हमारा बेटा गुजर गया तो वह बहुत परेशान था और सभी को सलाह दी गई कि हमें कविता को उसके मायके के घर वापस भेज देना चाहिए।
लड़के की मृत्यु लोगों के दृष्टिकोण से कविता को परिवार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बना रही थी। लेकिन विजय चंद्र हमेशा अपनी बेटी समान बहु के पीछे खड़े रहे। वह कहता है कि उसने अपनी बेटी के रूप में कविता से बड़े पैमाने पर शादी की और उसे दहेज भी दिया। विजय चंद्र कहते हैं कि हमारी बहू हमारी बेटी की तरह है। वह दुनिया में सभी तरह के सम्मान और आशीर्वाद की हकदार है। इस घटना के कारण विजय चंद्रा की अच्छी चर्चा हो रही है। उन्होंने हमारे समाज के लिए एक अच्छी मिसाल कायम की है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। ।
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