करेले के पौधे में इस घोला का उपयोग बहुत फायदेमंद साबित होता है क्योकि इसके पोषक तत्व करेले के पौधे में फलों की पैदावार को बढ़ाने का काम करते है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन सा उर्वरक पौधे में डालना है।
सैकड़ों करेलों से झूल जाएगी बेलअक्सर कुछ लोगों को गार्डनिंग का बहुत शोक होता है और अपने घर के बगीचे में तरह-तरह के फूल और सब्जियों के पौधे लगाना बहुत पसंद करते है अक्सर कई बार कुछ लोगों के करेले के पौधे में फूल तो आते है लेकिन झाड़ जाते है। जिससे करेले की पैदावार में गिरावट होती है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे उर्वरक के बारे में बता रहे है जो करेले के पौधे में फूल झड़ने की समस्या को खत्म कर देता है और करेले की उपज को बढ़ाता है जिससे करेले की बेल अनगिनत करेलों से झूलने लगती है तो चलिए जानते है कौन सा उर्वरक है।

करेले के पौधे में डालने के लिए हम आपको केले के छिलके, गोबर के उपले की राख और वर्मी कंपोस्ट से तैयार उर्वरक के बारे में बता रहे है। केले के छिलके में पोटैशियम, फ़ॉस्फ़ोरस, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते है जो पौधे को पोषक तत्व देते है और फलों की पैदावार को बढ़ाते है। गोबर के उपले की राख करेले की बेल को कीट रोग से कोसों दूर रखती है। वर्मी कंपोस्ट करेले के पौधे में फूल झड़ने की समस्या को खत्म करती है। इन तीनों चीजों से तैयार उर्वरक का इस्तेमाल करेले के पौधे में जरूर करना चाहिए।
कैसे करें इस्तेमालकरेले के पौधे में केले के छिलके, गोबर के उपले की राख और वर्मी कंपोस्ट से तैयार उर्वरक का इस्तेमाल बहुत लाभकारी और असरदार साबित होता है इस उर्वरक को तैयार करने के लिए केले के छिलकों को छोटा-छोटा कट करके गोबर के उपले की राख के साथ एक लीटर पानी में डालना है और थोड़ी देर के लिए छोड़ देना है फिर इस उर्वरक को करेले के पौधे की जड़ के पास डालना है और मिट्टी में वर्मी कंपोस्ट को भी डालना है ऐसा करने से करेले के पौधे को पोषक तत्व मिलेंगे जिससे बेल में अनगिनत मात्रा में करेले लद जायेंगे।
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