New Delhi, 7 अक्टूबर . कांग्रेस ने Rajasthan और Madhya Pradesh में कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामलों को लेकर भाजपा Governmentों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है.
इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए Rajasthan विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और Madhya Pradesh विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि Madhya Pradesh और Rajasthan में दवाइयों की खरीद में भारी भ्रष्टाचार किया गया है.
टीकाराम जूली ने बताया कि Rajasthan में कफ सिरप से अब तक चार मौतें हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि Rajasthan Government कफ सिरप से बच्चों की मौत होने की बात मानने को तैयार नहीं है. Rajasthan में चिकित्सा मंत्री ने कफ सिरप में गड़बड़ी होने से इनकार कर दिया.
उन्होंने सवाल उठाया कि जिन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है या जिनकी विश्वसनीयता पर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं, उनसे Governmentें दवाइयों की आपूर्ति क्यों ले रही हैं?
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा Government ने कार्रवाई करने के बजाय केवल कमेटी बना दी, जिसका उद्देश्य मामले को भटकाना और ठंडा करना है.
टीकाराम जूली ने कहा कि Rajasthan Government ने अभी तक जमीनी स्तर पर कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने का कोई आदेश जारी नहीं किया, न ही ऑनलाइन रिकॉर्ड होने के बावजूद यह पता लगाने के लिए कोई सर्वे किया कि यह सिरप किस-किस को दी गई है. उन्होंने jaipur के एसएमएस अस्पताल के आईसीयू में आग लगने की घटना का भी जिक्र किया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई.
उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल का स्टाफ मरीजों को सुरक्षित निकालने की अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय वहां से भाग गया और चिकित्सा मंत्री भी हादसे के 24 घंटे बाद अस्पताल पहुंचे.
उमंग सिंघार ने कहा कि Madhya Pradesh के छिंदवाड़ा में कफ सिरप से 16 बच्चों की मौत हो गई. स्थानीय विधायक ने शुरुआत में ही Chief Minister , स्वास्थ्य मंत्री और कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच की मांग की, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने बच्चों की मौत के बीच Chief Minister के काजीरंगा पार्क में हाथियों के साथ मौज-मस्ती को लेकर तंज भी कसा. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम ने कफ सिरप से कोई मृत्यु नहीं होने की बात कही और सिरप बनाने वाली कंपनी को क्लीनचिट दे दी.
उन्होंने कहा कि किडनी फेल होने से बच्चों की एक के बाद एक मौत के बावजूद संबंधित टेस्ट नहीं करवाए गए. उन्होंने सवाल उठाया कि दवा कंपनियां Government के साथ मिलकर परासिया जैसे आदिवासी क्षेत्रों और छोटे जिलों में व्यापार कर रही हैं, तो क्या Government के मंत्री ऐसी कंपनियों से हिस्सा ले रहे हैं?
उन्होंने यह भी कहा कि India Government ने 3 अक्टूबर 2025 को कफ सिरप को लेकर एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन इसके बावजूद Madhya Pradesh और Rajasthan Government नहीं जागी. उन्होंने इसके पीछे भारी भ्रष्टाचार को कारण बताया. उन्होंने Government से पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी के साथ इलाज में खर्च हुई राशि देने की भी मांग की.
सिंघार ने Madhya Pradesh के एक अस्पताल में नवजात शिशुओं को चूहों द्वारा खाए जाने जैसी विचलित करने वाली घटना का जिक्र किया और राज्य में राष्ट्रीय औसत से अधिक कुपोषण का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने पोषण आहार योजना में बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया. उन्होंने बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर भी प्रदेश Government को घेरा.
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एसके/एबीएम
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