New Delhi, 17 जुलाई . भारत के स्वदेशी फाइटर जेट तेजस मार्क 1ए के निर्माण में अब तेजी आ रही है. लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क 1ए के लिए Thursday को पहली विंग असेंबली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को मिली.
गौरतलब है कि यह फाइटर जेट एचएएल द्वारा निर्मित किया जा रहा है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) द्वारा निर्मित पहली विंग असेंबली Thursday को कोयंबटूर, तमिलनाडु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंपी गई. यह असेंबली एलएंडटी के प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग एंड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स यूनिट द्वारा तैयार की गई.
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने अपनी फ्लीट के लिए 83 एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है. विंग असेंबली मिलने पर एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. डीके सुनील ने इस अवसर को वर्षों की साझी मेहनत और गुणवत्ता के प्रति समर्पण का प्रमाण बताया. उन्होंने कहा, “एचएएल बड़े और लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) जैसे आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलकर एयरोस्पेस एवं रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में कार्य कर रहा है. एचएएल ने निजी क्षेत्र में एक समानांतर एयरक्राफ्ट स्ट्रक्चरल असेंबली लाइन खड़ी की है, जो एलसीए तेजस कार्यक्रम की क्षमता बढ़ाने में सहायक होगी.”
इस अवसर पर रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार ने वर्चुअली भाग लिया, जबकि एचएएल की ओर से एलसीए तेजस डिवीजन के महाप्रबंधक एम अब्दुल सलाम ने असेंबली को प्राप्त किया. रक्षा उत्पादन सचिव ने आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एचएएल और एलएंडटी के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि एचएएल ने निजी क्षेत्र के भागीदारों के साथ मिलकर बेहतरीन सहयोग को बढ़ावा दिया है और निजी क्षेत्र के भागीदारों की क्षमताओं को सशक्त किया है.
उन्होंने एलसीए तेजस की उत्पादन आवश्यकताओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने में विश्वास जताया और अन्य देशों पर निर्भरता कम करने के लिए क्षमता का विस्तार करने का आह्वान किया. एलएंडटी प्रिसिजन इंजीनियरिंग एंड सिस्टम्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रमुख अरुण रामचंदानी ने कहा कि एलएंडटी वर्ष में चार विंग सेट की आपूर्ति करेगा, जिसे उन्नत असेंबली प्रक्रियाओं और स्वचालन के माध्यम से 12 सेट प्रतिवर्ष तक बढ़ाया जाएगा. अब तक एलसीए तेजस डिवीजन को एलसीए मार्क 1ए के लिए विभिन्न भागीदारों से अलग-अलग संरचनात्मक मॉड्यूल प्राप्त हुए हैं. इनमें एयर इनटेक असेंबली, रियर फ्यूजलेज असेंबली, लूम असेंबली, फिन और रुडर असेंबली, सेंटर फ्यूजलेज असेंबली व विंग असेंबली शामिल है.
गौरतलब है कि इसी सप्ताह भारतीय फाइटर जेट तेजस मार्क-1ए के लिए भारत को अमेरिकी कंपनी से इंजन भी मिला है. इसके बाद विमान के निर्माण में अब तेजी आएगी. इस लड़ाकू विमान के लिए अमेरिकी कंपनी ने भारत को जेट इंजन की सप्लाई शुरू कर दी है. स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस मार्क-1ए के लिए Monday को भारत को जीई-404 इंजन प्राप्त हुआ. रक्षा अधिकारियों के मुताबिक यह अमेरिकी कंपनी से मिला दूसरा जेट इंजन है. सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय विमानन कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) तेजस का निर्माण कर रही है. जानकारी के मुताबिक एचएएल को इस वित्त वर्ष के अंत तक कुल 12 जीई-404 इंजन मिलने हैं. ये सभी इंजन भारतीय लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1ए में लगाए जाएंगे.
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जीसीबी/डीएससी
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