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मसूरी में प्रशासनिक विवाद ने पकड़ा तूल, नगरपालिका और गढ़वाल जल संस्थान आमने-सामने

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मसूरी, 5 जुलाई . पहाड़ों की रानी मसूरी का तापमान इन दिनों प्रशासनिक तनातनी की वजह से बढ़ा हुआ है. नगरपालिका प्रशासन और गढ़वाल जल संस्थान के बीच उपजा विवाद अब गंभीर रूप ले चुका है. दोनों विभागों के बीच तनाव की शुरुआत एक स्टाफ रूम को लेकर हुई, जिसने अब पानी के कनेक्शन काटने जैसे गंभीर आरोपों का रूप ले लिया है.

इस विवाद ने न केवल प्रशासनिक स्तर पर हलचल मचाई है, बल्कि स्थानीय लोगों में भी नाराजगी पैदा कर दी है. मामले की शुरुआत तब हुई जब नगरपालिका का एक कर्मचारी गढ़वाल जल संस्थान के स्टाफ रूम पर पहुंचा.

गढ़वाल जल संस्थान ने आरोप लगाया कि कर्मचारी बिना किसी आधिकारिक आदेश के स्टाफ रूम पर जबरन कब्जा करने की कोशिश कर रहा था. जल संस्थान के कर्मचारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कमरे में रखा सामान बाहर निकाला और रूम को अपने नियंत्रण में ले लिया. इस घटना ने दोनों विभागों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया. जवाबी कार्रवाई में नगरपालिका ने जल संस्थान पर उनके कर्मचारियों के पानी के कनेक्शन बिना सूचना के काटने का गंभीर आरोप लगाया.

नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी तंवीर महवाह ने कहा, “जल संस्थान ने बिना किसी पूर्व सूचना के पानी के कनेक्शन काट दिए, जिससे हमें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. हमने जल संस्थान को अपना ऑफिस खोलने के लिए नगरपालिका की जमीन दी थी, लेकिन अब वही संस्थान हमारे कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहा है, जो पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है.”

दूसरी ओर गढ़वाल जल संस्थान के अधिशासी अभियंता अमित कुमार ने अपने पक्ष में सफाई दी. उन्होंने कहा, “नगरपालिका का एक कर्मचारी हमारे स्टाफ रूम पर अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश कर रहा था. वह बिना किसी आधिकारिक अनुमति के कमरे में घुसने और उसमें रहने की कोशिश कर रहा था. यह स्थिति बर्दाश्त करने योग्य नहीं थी. हमारे स्टाफ ने तुरंत कार्रवाई की और कमरे को वापस अपने नियंत्रण में लिया.”

हालांकि दोपहर बाद कटे हुए पानी के कनेक्शन दोबारा जोड़ दिए गए, जिससे स्थिति थोड़ी सामान्य हुई, लेकिन दोनों विभागों के बीच तनाव अभी भी बना हुआ है. अब यह मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंच चुका है. आगामी सोमवार को एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें नगरपालिका और जल संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी आमने-सामने बैठकर पूरे प्रकरण की समीक्षा करेंगे और समाधान निकालने की कोशिश करेंगे. इस विवाद से आम नागरिकों में भी नाराजगी देखी जा रही है.

एकेएस/जीकेटी

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