नई दिल्ली, 22 जून . जब बात घरेलू नुस्खों और पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा की आती है, तो हींग का नाम सबसे ऊपर आता है. यह खाने के स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ कई विकारों को दूर भगाने में सहायक मानी जाती है.
हींग में औषधीय गुण होते हैं जो पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे अपच, गैस और पेट दर्द में राहत देते हैं. छोटी सी हींग दादी-नानी की ऐसी ‘दवा’ है जिसमें सेहत का खजाना छिपा है.
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (एनएलएम) के एक अध्ययन के अनुसार, हींग का उपयोग पारंपरिक रूप से काली खांसी, अस्थमा, अल्सर, मिर्गी, पेट दर्द, पेट फूलना, ब्रोंकाइटिस, आंतों को नुकसान पहुंचा रहे बैक्टीरिया, ऐंठन, कमजोर पाचन और इन्फ्लूएंजा जैसी कई दिक्कतों को ठीक करने में किया जाता है.
हींग का वानस्पतिक नाम फेरूला ऐसाफोइटिडा है, जो भारत के दक्षिण प्रांत में पाई जाती है. भारत में हींग का आयात मुख्य रूप से अफगानिस्तान से किया जाता है; कुछ मात्रा में उज्बेकिस्तान और ईरान से भी हींग आयात होती है.
चरक संहिता में इसे पाचन में सुधार करने, गैस और सूजन को कम करने और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोगी माना जाता है. जिन लोगों को भूख नहीं लगती या जिन्हें भोजन पचाने में समस्या होती है, उनके लिए हींग अत्यंत उपयोगी है.
चुटकी भर हींग का इस्तेमाल दांतों में हो रहे दर्द से आराम दिलाने में भी किया जाता है. दांत दर्द होने पर हींग में कपूर मिलाकर दर्द वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है. घरेलू नुस्खों की बात करें तो कान में भी तिल के तेल में हींग पकाकर उस तेल की बूंदें कान में डालने से दर्द कम होता है.
रोजाना दाल, कढ़ी और सब्जियों में हींग डालने से भोजन आसानी से पचता है. शोध बताते हैं कि हींग शरीर में इंसुलिन बढ़ाकर ब्लड शुगर को कम करने में सहायक होती है.
हींग में कौमारिन नामक तत्व मौजूद होता है जो खून को पतला करने और जमने से बचाता है. यह बढ़े हुए ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल को कम कर उच्च रक्तचाप घटाता है. छाछ या भोजन के साथ हींग खाने से पेट की गैस, हैजा और पेट दर्द में राहत मिलती है. हींग में ऐसी ताकत होती है जो कैंसर बढ़ाने वाले सेल को रोकती है.
प्रसव के बाद हींग लेने से गर्भाशय साफ होता है और पेट संबंधी परेशानी नहीं होती. माइग्रेन और सिरदर्द में आधा कप पानी में हींग मिलाकर पीने से आराम मिलता है, लेकिन शिशुओं या फिर किसी भी तरह की एलर्जी से जूझ रहे लोगों को इसके इस्तेमाल से पहले चिकित्सकीय सलाह जरूर लेनी चाहिए.
–
एनएस/केआर
You may also like
चुनाव की वजह से नीतीश कुमार ने पेंशन राशि बढ़ाने की घोषणा की : रामजी गौतम
ईरान पर अमेरिकी हमले को कैसे देखते हैं भारत के रक्षा विशेषज्ञ?
चीनी बाजार से बेहद संतुष्ट दिखे विदेशी कंपनियों के अधिकारी
भारत ने प्रसिद्ध को लेकर सही फैसला किया : मांजरेकर
भाषा का विवाद पैदा करने वाले जयचंदों से सचेत रहे सरकार : कैलाश