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मालेगांव विस्फोट मामले में सभी 7 आरोपियों के बरी होने पर देशभर के साधु-संतों ने जताई खुशी

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New Delhi, 31 जुलाई . मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए की विशेष अदालत की ओर से सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने पर देशभर के साधु-संतों ने खुशी जताई है. उनका कहना है कि 17 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सत्य की जीत हुई है. साधु-संतों का मानना है कि यह फैसला न केवल आरोपियों के लिए राहत लेकर आया, बल्कि यह भी दर्शाता है कि न्यायपालिका ने सबूतों के अभाव में निष्पक्ष निर्णय लिया है.

इस फैसले पर कुछ साधु-संतों से ने बातचीत की. साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि ऐसा होना ही था क्योंकि सत्य की हमेशा जीत होती है. लेकिन कांग्रेस ने आतंकवादियों को बचाने और उनकी मौत पर आंसू बहाने की कोशिश में भारतीय संस्कृति के एक पवित्र अंग भगवा को आतंकवाद करार देने का दुस्साहस किया. एक तरह से, अदालत का फैसला कांग्रेस पर खुद का मारा तमाचा है. कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए हिन्दुओं को बदनाम करने की कोशिश की. सावन का महीना चल रहा है, न्याय मिला है. भारत के लिए आज गौरव का दिन है.

हनुमानगढ़ी मंदिर में फैसले को लेकर जश्न मनाया गया. महंत राजू दास ने भक्तों और संतों को लड्डू बांटे. उन्होंने कहा कि आज हमें राहत मिली है कि मालेगांव विस्फोट मामले का अंत आ गया है. उस विस्फोट में कई लोगों की जान चली गई थी. कुछ सरकारों द्वारा सनातन धर्म को बदनाम करने और हिंदुओं का अपमान करने के लिए जानबूझकर ‘भगवा आतंकवाद’ का झूठा प्रचार किया गया था. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस ने भगवा आतंकवाद गढ़ा, क्या इसके लिए सोनिया गांधी माफी मागेंगी? क्या कांग्रेस पार्टी माफी मांगेगी? साध्वी प्रजा ठाकुर को यातनाएं दी गई, इसके लिए कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए. अदालती फैसले से सभी सातों बरी हो गए हैं. आज कांग्रेस की बदनामी हुई है.

अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि जहां धर्म है, वहां विजय अवश्य होती है. जहां तक मालेगांव बम विस्फोट मामले की बात है, तो यह एक बहुत ही जटिल मामला था. एक तरह से यूपीए के शासनकाल में सोनिया गांधी-राहुल गांधी के नेतृत्व में हिंदू आतंकवादी परिभाषा गढ़ने का प्रयास ही नहीं किया, बल्कि प्रज्ञा ठाकुर जैसे लोगों को बम ब्लास्ट का अभियुक्त बनाकर 9 सालों तक जेल में रखा गया. इसकी जवाबदेही होनी चाहिए, कांग्रेस को जवाब देना चाहिए. हिंदू आतंकवादी नहीं होता है, ऐसे शब्दों को गढ़कर हिंदू को बदनाम करने की कोशिश की गई.

हरिद्वार के एक संत ने अदालत के फैसले की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह फैसला बहुत अच्छा और निष्पक्ष है. हम इसके लिए एनआईए अदालत का धन्यवाद करते हैं. यह फैसला पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन देर ही सही, न्याय मिला है. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को बधाई देते हैं, उन्होंने काफी धैर्य रखा और सत्य पर वह चली. आज उनकी विजय हुई. हिंदू भगवाधारी आतंकवादी कभी नहीं हो सकता है. वह हमेशा अपने देश को सर्वोपरि रखता है. वोट की राजनीति के लिए हिंन्दुओं को बदनाम किया जाता है.

दूसरे संत ने कहा कि एनआईए अदालत द्वारा दिया गया फैसला उचित है. एक बहुत बड़ा षडयंत्र भगवा पर किया गया था. सारे षडयंत्र का पर्दाफाश कर दिया गया है. कोर्ट ने साध्वी प्रजा ठाकुर समेत सभी को बरी कर दिया है.

डीकेएम/डीएससी

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