मुरादाबाद, 23 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित जेल में ‘भाई दूज’ पर बहनें अपने भाइयों से मिलने पहुंचीं और उनके साथ भाई दूज का त्योहार मनाया. इस खास मौके पर जेल प्रशासन की तरफ से पूरी व्यवस्था की गई थी.
प्रशासन की तरफ से सघन जांच के बाद ही बहनों को उनके भाइयों से मिलने दिया गया. प्रशासन की तरफ से यह सुनिश्चित किया गया कि किसी को कोई दिक्कत नहीं हो.
जेल अधीक्षक आलोक कुमार ने बताया कि बहनों की सुविधा के लिए जेल प्रशासन की तरफ से ‘पर्ची व्यवस्था’ लागू की गई. दोपहर एक बजे तक इस व्यवस्था के तहत 700 बहनें जेल में अपने भाइयों को तिलक कर चुकी हैं.
इस दौरान अपनी भाइयों से मिलने पहुंची बहनों ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि जेल प्रशासन की तरफ से उन्हें भाई दूज का त्योहार अपने भाइयों के साथ मनाने का मौका मिल पा रहा है.
निशा ने बताया कि वह अपने भाई के साथ भाई दूज का त्योहार मनाने के लिए आई है. उन्हें इस बात की खुशी है कि जेल प्रशासन की तरफ से एक ऐसी व्यवस्था की गई है, जिसके तहत उन्हें अपने भाई से मिलने दिया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि उनका भाई पिछले 15 दिनों से बंद है. पहले तो उन्हें लगा कि इस बार वह भाई दूज का त्योहार अपने भाई के साथ नहीं मना पाएगी, लेकिन जैसे ही उन्हें पता लगा कि जेल प्रशासन की तरफ से ‘पर्ची व्यवस्था’ के तहत जेल में बंद लोगों को भी अपनी बहनों के साथ भाई दूज का त्योहार मनाने का मौका दिया जा रहा है तो उन्हें यह जानकर खुशी हुई.
जेल में अपने भाई के साथ भाई दूज का त्योहार मनाने के लिए आई पूजा ने बताया कि उनका भाई पिछले पांच महीने से जेल में बंद है. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि जेल प्रशासन की तरफ से ऐसी व्यवस्था की गई कि कैदी भी त्योहार मना सके. हम यहां पर आए. हमें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई. कुल मिलाकर मैं यही कहूंगी कि जेल प्रशासन की तरफ से अच्छी व्यवस्था की गई, जिसके तहत यह सुनिश्चित किया गया किया है कि यहां आने वाले किसी भी व्यक्ति को कोई दिक्कत नहीं हो और कैदी भी त्योहार मना सके.
–
एसएचके/वीसी
You may also like
हवा में शिकार: बाघिन P-141 ने उछलते चीतल को छलांग लगाकर दबोचा, पर्यटकों ने कहा- ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा
क्या खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा यादव करेंगी चुनावी मैदान में धमाल? जानें पूरी कहानी!
उज्जैनः मामूली विवाद पर बदमाशों ने युवक को मारी तलवार
हंगरी में शांति रैली: 1956 की क्रांति को याद करने का जश्न
कौन हैं 'ठुमरी की रानी' गिरिजा देवी? जानें उनके संगीत सफर की अनकही बातें