कुर्स्क, 1 जून . रूस के कुर्स्क क्षेत्र के ज़ेलेज़्नोगोर्स्क ज़िले में रविवार को एक बड़ा हादसा हो गया. यहाँ एक रेलवे पुल गिर गया, जिसके कारण एक मालगाड़ी का इंजन और उसकी तीन खाली बोगियां पटरी से उतर गईं. 24 घंटे से भी कम समय में यह ऐसा दूसरा मामला है.
क्षेत्र के कार्यवाहक गवर्नर, अलेक्जेंडर खिंस्टीन ने बताया कि यह हादसा ट्रोस्ना-कालिनोव्का राजमार्ग के 48वें किलोमीटर पर हुआ.
खिंस्टीन ने अपने टेलीग्राम चैनल पर बताया, “आज रात, जेलेज्नोगोर्स्क जिले में ट्रोस्ना-कलिनोव्का राजमार्ग के 48वें किलोमीटर पर एक पुल ढह गया. उस समय एक मालगाड़ी उसे पार कर रही थी. ट्रेन का एक हिस्सा पुल के नीचे स्थित सड़क पर गिर गया.”
उन्होंने यह भी बताया कि इंजन में आग लग गई थी, लेकिन आपातकालीन सेवा टीमों ने तुरंत आग बुझा दी. ट्रेन का बाकी हिस्सा अभी भी रेलवे प्लेटफार्म पर है.
शुरुआती जानकारी के अनुसार, ट्रेन के एक ड्राइवर के पैर में चोट आई है. अधिकारियों ने एहतियातन ढहे पुल के नीचे सड़क पर यातायात रोक दिया है.
यह घटना रूस के ब्रांस्क क्षेत्र में शनिवार देर रात एक हुए हादसे के कुछ घंटों बाद हुई है, जहां एक अन्य पुल के ढहने के बाद एक पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतर गई थी. उस वक्त ये पैसेंजर ट्रेन मॉस्को से क्लिमोव जा रही थी. इस बीच ट्रेन विगोनिचस्की जिले में पटरी से उतर गई.
ब्रांस्क के गवर्नर अलेक्जेंडर बोगोमाज ने पुष्टि की है कि उस दुर्घटना में कम से कम सात लोग मारे गए और 69 अन्य घायल हो गए. रशियन स्टेट मीडिया के अनुसार, मृतकों में ट्रेन का लोकोमोटिव ड्राइवर भी शामिल है.
मिनिस्ट्री ऑफ इमरजेंसी सिचुएशन के मुताबिक रेस्क्यू में मदद करने और किसी भी बचे पीड़ित की तलाश करने के लिए ब्रांस्क साइट पर लगभग 180 कर्मियों को तैनात किया गया था.
अधिकारियों ने ब्रांस्क दुर्घटना के पीछे संभावित कारण के रूप में ‘अवैध हस्तक्षेप’ का हवाला दिया है.
रूसी कानून प्रवर्तन और सुरक्षा सेवाओं से जानकारी हासिल करने के लिए पहचाना जाने वाले बाजा टेलीग्राम चैनल की रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि शुरुआती निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि पुल को जानबूझकर उड़ाया गया है. हालांकि, इस दावे का समर्थन करने के लिए अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया है.
रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के बाद से ब्रांस्क, कुर्स्क और बेलगोरोड क्षेत्र अक्सर सीमा पार से गोलाबारी, ड्रोन हमलों और यूक्रेनी क्षेत्र से गुप्त अभियानों के दायरे में आते रहे हैं.
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आरएसजी/एएस
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