Patna, 20 सितंबर . जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता नीरज कुमार ने राजद नेता तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ को लेकर प्रतिक्रिया दी. Saturday को उन्होंने कहा कि तेजस्वी निसंदेह यात्रा निकाल सकते हैं. हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें इस यात्रा में युवाओं की नौकरी के बारे में बात करनी चाहिए.
उन्हें यह भी बताना चाहिए कि अभी तक उन्होंने नौकरी के बदले ली गई युवाओं की जमीन वापस क्यों नहीं की?
नीरज कुमार ने कटाक्ष करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव से जब इस संबंध में सवाल करो, तो वे कहते हैं कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी. मेरी तो उस समय मूंछ भी नहीं आई थी तो मैं कहना चाहूंगा कि यह बहुत ही अच्छा समय है. पितृपक्ष का समय चल रहा है. आपके पास अच्छा समय है, आप अपने पिता की गलती को सुधार लीजिए और जिन लोगों से आपके पिता ने जमीन ली थी, उन्हें वापस लौटा दीजिए. मैं तो कहूंगा कि यह सभी जमीन आप पिछड़ों और अतिपिछड़ों को लौटा दीजिए. ऐसा करने से आपको भगवान का आशीर्वाद भी मिलेगा.
लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के उस पोस्ट पर भी जदयू नेता ने अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा एक बहन और एक बेटी का फर्ज निभाया. मेरी अपनी खुद की कोई Political महत्वाकांक्षा नहीं है.
नीरज कुमार ने कहा कि रोहिणी आचार्य ने अपने पोस्ट के जरिए अपनी पीड़ा व्यक्त की है. अब मैं समझता हूं कि लालू प्रसाद यादव के पाले में गेंद है. उनको ही मुख्य फैसला लेना है. उन्हें अपनी बेटी के मन की पीड़ा का ध्यान रखना होगा और इसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचना होगा.
जदयू नेता नीरज कुमार ने भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक के उस बयान को निंदनीय बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और Samajwadi Party के प्रमुख अखिलेश यादव के घर में आग लगा देंगे.
नीरज कुमार ने कहा कि यह बयान सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि घर में आग लगाने की क्या जरूरत है. राजनीति में हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. राजनीति में वाणी का तीर इतना धारदार होता है कि वह अंदर तक किसी को भी घायल कर जाता है.
उन्होंने यासीन मलिक के उस दावे पर भी जवाब देने से साफ इनकार कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि मनमोहन सिंह ने हाफिज सईद से मुलाकात के बाद मेरा आभार प्रकट किया था.
जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि अभी इस विषय पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देना सही नहीं रहेगा, क्योंकि यह बहुत ही गंभीर विषय है और जब तक इसका आत्मावलोकन नहीं किया जाता, तब तक किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं रहेगा.
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एसएचके/वीसी
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