संयुक्त राष्ट्र, 1 अगस्त . संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा है कि गाजा में भुखमरी की स्थिति बिगड़ने के साथ ही सहायता सामग्री के त्वरित वितरण के प्रयासों में देरी हो रही है. इसका कारण लूटपाट और सैन्य अभियानों की वजह से होनी वाली बाधा बताया गया है. वो भी तब जब सहायता सामग्री का इजरायली चौकियों से प्रवेश जारी है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) के हवाले से कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में, इजरायली सेना द्वारा सीमा पार से गाजा में प्रवेश और वितरण स्थलों तक सुरक्षित मार्ग निर्धारित करने के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगियों की ओर से संचालित सहायता ट्रकों को काफी इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे ड्राइवरों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है.
ओसीएचए ने कहा कि केरेम शालोम/करेम अबू सलेम क्रॉसिंग से गाजा में प्रवेश करने वाली संयुक्त राष्ट्र टीमों के लिए इजरायली अधिकारियों ने एकमात्र मार्ग मुहैया कराया है. यहां भी इजरायली सेना चौकियां हैं जिससे बाधा उत्पन्न होती है, नतीजतन सहायता सामग्री के वितरण में और देरी होती है.
कार्यालय ने कहा कि ऐसी चुनौतियों के बावजूद, विश्व निकाय और उसके मानवाधिकार सहयोगी इजरायली-नियंत्रित क्रॉसिंग से आपूर्ति पूरी करने की कोशिश में जुटे हैं.
ओसीएचए ने कहा, “टीमों ने इजरायली नियंत्रण वाले क्रॉसिंग से गेहूं का आटा, खाने के लिए तैयार राशन, उच्च-ऊर्जा वाले बिस्कुट, पोषण संबंधी सामग्री, स्वच्छता किट और अन्य जरूरी सामान इकट्ठा करने में कामयाबी हासिल की है.”
कार्यालय ने कहा कि “ज्यादातर खाना सामुदायिक वितरण केंद्रों तक पहुंचने से पहले ही लोग लूट कर ले जाते हैं” और कहा कि “खाद्य सामग्री सामुदायिक स्तर पर वितरित की जानी चाहिए” ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी पीछे न छूटे.
संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी, जरूरतमंद फिलिस्तीनियों तक पहुंचने के लिए पूरे गाजा में 400 सामुदायिक वितरण केंद्रों के जरिए पहुंचने पर जोर दे रहे हैं, न कि चार सैन्यीकृत इजरायली और अमेरिका प्रायोजित गाजा मानवतावादी फाउंडेशन (जीएचएफ) केंद्रों के जरिए, क्योंकि वहां अराजकता का माहौल ज्यादा है.
कार्यालय ने कहा, “ओसीएचए इजरायली अधिकारियों से आग्रह करता है कि वे सभी क्रॉसिंग बिंदुओं और कई मार्गों से बड़ी मात्रा में विविध मानवीय और वाणिज्यिक आपूर्ति के लगातार और एक साथ प्रवेश की अनुमति दें.”
गाजा पट्टी के अधिकांश हिस्सों में इजरायली अधिकारियों के साथ आवाजाही के समन्वय में सहायताकर्मियों के सामने आने वाली कठिनाइयों पर प्रकाश डालते हुए, ओसीएचए ने कहा कि 23 से 29 जुलाई तक के संचयी आंकड़ों के अनुसार, केवल 47 प्रतिशत को ही पूरी सुविधा प्रदान की गई, जबकि 11 प्रतिशत को आयोजकों ने वापस बुला लिया.
कार्यालय ने कहा, “गाजा में बेरोक टोक सहायता सामग्री पहुंचना आवश्यक है. इसके बिना, समय और संसाधन बर्बाद होते हैं, जानें जाती हैं, और रिस्पॉन्स जरूरतों के अनुरूप नहीं हो पाता.”
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केआर/
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