कोलकाता, 31 मई . पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने शनिवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र लिखकर कोलकाता पुलिस के जवानों पर मध्य कोलकाता के सियालदह रेलवे स्टेशन में गैरकानूनी प्रवेश करने और सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के परिणामस्वरूप नौकरी गंवाने वाले “निर्दोष शिक्षकों” पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया.
नौकरी गंवाने वाले शिक्षक शुक्रवार को सियालदह स्टेशन पर एक प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए थे. उन्होंने अपनी शर्ट उतार दी और फिर मंदिरतला स्थित नबन्ना के राज्य सचिवालय की ओर विरोध रैली शुरू की.
हालांकि, कोलकाता पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों के वहां एकत्र होने से बहुत पहले ही सियालदह स्टेशन पर नियंत्रण कर लिया और प्रदर्शनकारियों को स्टेशन परिसर के भीतर ही रोक दिया.
प्रदर्शनकारी शिक्षकों में से कुछ, जो पुलिस की घेराबंदी से बच निकलने में कामयाब रहे, उन्हें पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया और स्टेशन परिसर के अंदर और बाहर इंतजार कर रही पुलिस वैन में खींच लिया.
विपक्ष के नेता के अनुसार, कोलकाता पुलिस के कर्मियों ने न केवल अनधिकृत तरीके से स्टेशन में प्रवेश किया, बल्कि उन शिक्षकों के खिलाफ भी अनावश्यक कार्रवाई की, जो केवल वहां एकत्र हुए थे और विरोध या आंदोलन नहीं कर रहे थे.
अधिकारी द्वारा वैष्णव को लिखे गए पत्र में कहा गया है, “मैं आपसे 30 मई 2025 को सियालदह रेलवे स्टेशन में कोलकाता पुलिस के अनधिकृत प्रवेश की गहन जांच करने और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने का आग्रह करता हूं…. मैं आपसे यह भी अनुरोध करता हूं कि सख्त दिशा-निर्देश लागू करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस रेलवे पुलिस अधिनियम, 1861 द्वारा स्थापित अधिकार क्षेत्र के ढांचे का सम्मान करते हुए उचित प्राधिकरण के बिना रेलवे परिसर में प्रवेश न करे, ताकि भविष्य में किसी भी तरह के उल्लंघन को रोका जा सके.”
अधिकारी ने यह भी बताया कि यह पहली बार नहीं है जब पश्चिम बंगाल के विभिन्न रेलवे स्टेशनों के भीतर कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा इस तरह का अतिक्रमण हुआ हो. उनके अनुसार, “सियालदह डीआरएम के समक्ष इस मुद्दे को उठाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसलिए, मैंने रेल मंत्री से हस्तक्षेप करने और कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा इस तरह के उल्लंघन को तुरंत रोकने का आग्रह किया है.”
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एससीएच/एकेजे
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