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रूस की सेना में भर्ती हुए युवकों के परिजन विदेश मंत्रालय के डायरेक्टर से मिलेंगे

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नई दिल्ली, 2 मई . रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान रूसी सेना में शामिल हुए या लापता युवकों के परिवार के सदस्य 5 मई को दोपहर 3 बजे दिल्ली में विदेश मंत्रालय में यूरेशिया विभाग के डायरेक्टर राकेश पांडे से मुलाकात करेंगे.

रूस जाकर आए परिवार के सदस्यों ने बताया है कि भारत सरकार और विदेश मंत्रालय की तरफ से उन्हें रूस में किसी भी तरह की मदद नहीं दी गई. परिजनों के मुताबिक, युद्ध के दौरान सेना में शामिल हुए या लापता हुए उनके परिवार के युवाओं और लोगों के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है. इन सभी मुद्दों को लेकर वे सोमवार (5 मई) को राकेश पांडे से मुलाकात करेंगे.

पंजाब में जालंधर के गोराया कस्बे के जगदीप कुमार ने बताया कि वह पिछले महीने 3 अप्रैल को रूस गए थे और वहां कई दिनों तक रुके थे ताकि अपने भाई मनदीप कुमार की तलाश कर सकें, जो पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से रूसी सेना में भर्ती हैं. लेकिन उन्हें अब तक अपने भाई के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है, न ही भारतीय दूतावास और न ही रूसी दूतावास ने उनकी कोई मदद की है.

हालांकि रूस के आम लोगों ने उनकी पूरी मदद की है. उन्होंने बताया कि वह सिर्फ रूसी सेना में अपने भाई का कॉन्ट्रैक्ट ही हासिल कर पाए हैं और इसके अलावा वह अपने भाई मनदीप के बारे में कुछ पता नहीं लगा पाए हैं. इसी तरह उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से उनके साथ गए अजय के मामा और अजीमुद्दीन के भाई के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. जगदीप ने फोन पर बताया कि भारतीय दूतावास ने उनकी किसी भी तरह की मदद नहीं की है और वह इस मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के यूरेशिया विभाग के डायरेक्टर से बात कर भारतीय दूतावास के स्टाफ के बारे में जानकारी देंगे.

जगदीप कुमार ने कहा कि अगर राकेश पांडे उनकी बातों का समाधान नहीं करते या उनकी किसी प्रकार से कोई मदद नहीं करते तो वे विदेश मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे. उन्होंने कहा कि 14 पारिवारिक सदस्य विदेश मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे. हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी बात सुनी जाएगी और रूस जाने पर उनकी पूर्ण रूप से सहायता भी की जाएगी, जिससे उनके भाई और बाकी 14 परिवारों के सदस्यों का पता लग पाए.

जगदीप ने कहा कि अभी तक उनकी सहायता पर्यावरण प्रेमी और राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सींचेवाल ने की है और उन्होंने ही उन्हें आने-जाने की एयर टिकट मुहैया करवाई थी. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पंजाब सरकार और भारत सरकार को कई बार अपनी फाइल देकर आर्थिक मदद मांगी थी, जो अभी तक सरकार ने नहीं की है.

एफजेड/एकेजे

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