पटना, 15 मई . लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी बिहार की एक दिवसीय यात्रा पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने कहा कि राहुल गांधी समाज में अलख जगा रहे हैं ताकि समाज में अंतिम पंक्ति में खड़े लोग अग्रणी भूमिका निभा सकें. उनकी यही कोशिश भाजपा और जेडीयू पार्टी की सरकार को रास नहीं आ रहा है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में कहा कि सत्ता की भूख मिटाने के लिए जेडीयू और भाजपा की दमनकारी सरकार ‘शिक्षा न्याय संवाद’ के लिए आने वाले छात्रों को बॉर्डर पर रोक रही है. हम जेडीयू और भाजपा की दमनकारी सरकार की निंदा करते हैं. यह उनके पेट पालने की लड़ाई नहीं है, उन्हें नीतिनिर्धारक लोगों में खड़े करने की राय है, जिसके लिए राहुल गांधी लड़ रहे हैं और हम सब अंत तक लड़ते रहेंगे.
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि हम जेडीयू और भाजपा की सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या बिहार में दलित छात्रों से शिक्षा न्याय, सम्मान की बात करना अपराध घोषित कर दिया गया है? राहुल गांधी, एक संवैधानिक पद पर हैं, जिन्हें बाबा साहेब ने यह हक दिया है कि वह न सिर्फ दलित छात्रों से शिक्षा न्याय का संवाद करें, बल्कि उनके समाधान के ऊपर भी कदम बढ़ाएं.
उन्होंने कहा कि दरभंगा के कार्यक्रम से कुछ देर पहले नीतीश की जेडीयू-भाजपा की सरकार के आदेश पर प्रशासन ने दमनकारी रवैया अपनाया. इन्होंने न सिर्फ हमारे आयोजन स्थल को सीज किया बल्कि उखाड़ फेंकने की कोशिश की. इसके साथ ही दलित छात्रों के साथ बर्बरता करने की कोशिश भी की.
उन्होंने भाजपा और जेडीयू की सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आपकी जेल में ऐसा लोहा नहीं है, जो राहुल गांधी के फौलादी इरादों को कैद कर सके. उन्होंने इस दौरान रामधारी सिंह दिनकर की कविता “अब याचना नहीं रण होगा, जो बहुत भीषण होगा. चलेगा संघर्ष आठों याम तुमसे, करेंगे अंत तक संग्राम तुमसे…” भी सुनाई.
उन्होंने कहा कि ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले और बाबा साहेब अंबेडकर ने संकल्प लिया था कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को उनका न्यायिक हक देंगे.
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एएसएच/केआर
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