New Delhi, 29 सितंबर . देशभर में नवरात्रि की धूम है. हर जगह मां के पंडाल और गरबा के सतरंगी रंग देखने को मिल रहे हैं, लेकिन ये जानकर आपको हैरानी होगी कि विदेशी की धरती पर भी मां भवानी की पूजा होती है और नौ दिनों तक पूरी श्रद्धा के साथ उनकी अराधना की जाती है.
थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में श्री महा मरिअम्मन मंदिर है, जहां शिव और पार्वती शक्ति के रूप में विराजमान हैं. श्री महा मरिअम्मन मंदिर को उमा मंदिर के नाम से भी जानते हैं. मंदिर के अंदर शिव और पार्वती की शक्ति के साथ अलग से भगवान गणेश, विष्णु और भगवान कार्तिकेय का मंदिर बनाया गया है.
बैंकॉक में उमा को मां काली का अवतार माना जाता है, इसलिए वहां के गैर-बौद्ध लोग नौ दिन भगवती के अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं.
श्री महा मरिअम्मन मंदिर 150 साल से ज्यादा पुराना है और इसकी जड़ें India के दक्षिण राज्यों से शुरू होती हैं. 1860 के दशक में India से बैंकॉक की तरफ आए तमिल प्रवासियों ने इस मंदिर को बनाया था. तमिल प्रवासियों के नेता वैथी पडैचची ने इस मंदिर को बनाने की पहल की थी, क्योंकि उस वक्त बैंकॉक में हिंदू मंदिर नहीं था और अपने धर्म की भी स्थापना और सुरक्षा भी करनी थी.
इस मंदिर को वाट खाक या उमा देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. ये मंदिर मुख्यत: शक्ति के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध है, जहां भगवान शिव की रानी ममतामई रूप में विराजमान हैं.
इस मंदिर की बनावट और कलाकृति हमारे दक्षिण राज्यों में बने मंदिरों से मेल खाती है. मंदिर में हिंदू समुदाय के लोग ही पूजा-पाठ करते हैं और शाम के वक्त रामायण का पाठ करने के बाद मंदिर को बंद कर देते हैं, लेकिन अब ये मंदिर बैंकॉक का मुख्य पर्यटक स्थल बन गया है, India से आने वाले हिंदू इस मंदिर में विजिट जरूर करते हैं.
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पीएस/डीकेपी
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