New Delhi, 15 अक्टूबर . India की इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग मांग 2025 के पहले नौ महीनों में 2.65 करोड़ वर्ग फुट लीजिंग के साथ रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई, जो सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है. यह जानकारी Wednesday को आई एक रिपोर्ट में दी गई है.
रियल एस्टेट सर्विस फर्म कोलियर्स इंडिया ने कहा कि वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के दौरान, नए निर्माण कार्य 9.4 करोड़ वर्ग फुट तक पहुंच गए, जो मांग से काफी अधिक है और इसके परिणामस्वरूप क्रमिक आधार पर रिक्तियों के स्तर में 160 आधार अंकों की वृद्धि हुई है.
2025 के पहले नौ महीनों में 2.88 करोड़ वर्ग फुट की नई सप्लाई देखी गई, जो सालाना आधार पर 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है.
ग्रेड ए स्पेस की मांग भी नौ महीने की अवधि में सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, लेकिन तीसरी तिमाही में यही मांग धीमी होकर 70 लाख वर्ग फुट रह गई, जो सालाना आधार पर 23 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि फेस्टिव सीजन और पिछली तिमाही में ई-कॉमर्स और इलेक्ट्रॉनिक्स की बढ़ी हुई बिक्री के कारण वेयरहाउसिंग आवश्यकताओं में वृद्धि से अंतिम तिमाही में मांग बढ़ सकती है.
दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई और Mumbai ने सामूहिक रूप से नौ महीने की कुल मांग का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा लिया, जिसमें चेन्नई और दिल्ली-एनसीआर प्रत्येक ने 50 लाख वर्ग फुट को पार कर लिया, जबकि Mumbai ने 42 लाख वर्ग फुट तक पहुंच गया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने ऑक्यूपायर्स की मांग पर अपना दबदबा बनाया, जो लीजिंग एक्टिविटी का लगभग एक-तिहाई हिस्सा है. इंजीनियरिंग क्षेत्र में 20 प्रतिशत और ई-कॉमर्स में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
कोलियर्स इंडिया के इंडस्ट्रियल एंड लॉजिस्टिक्स सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर विजय गणेश ने कहा, “बड़ी डील इंडस्ट्रियल एंड लॉजिस्टिक्स की मांग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगी, जो 2025 के दौरान लीजिंग की लगभग आधी मात्रा को बढ़ावा देंगे. थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स क्षेत्रों में बड़े आकार के लेनदेन देखे गए, जिन्हें निरंतर खपत और आपूर्ति-पक्ष की बाधाओं में कमी का समर्थन प्राप्त हुआ.”
भिवंडी, ओरागदम, होसकोटे, लुहारी और फारुख नगर 2025 में अब तक के सबसे सक्रिय क्षेत्र बने हुए हैं, जिनकी कुल मांग में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
कोलियर्स इंडिया के नेशनल डायरेक्टर और हेड ऑफ रिसर्च विमल नादर ने कहा, “मौजूदा व्यापार अस्थिरता के बावजूद, हमें उम्मीद है कि निरंतर घरेलू खपत, निर्माणाधीन परियोजनाओं की एक मजबूत पाइपलाइन और गुणवत्तापूर्ण परिसंपत्तियों पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने से ऑक्यूपायर्स की मांग मजबूत बनी रहेगी.”
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एसकेटी/
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