By Jitendra Jangid- दोस्तो जैसा कि हमने आपको अपने इससे पूर्व लेख के माध्यम से आपको बताया था कि भारतीय सरकार अपने देश के आर्थिक रूप से कमजोर लोगो के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाते हैं, ऐसी ही एक योजना हैं, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (पीएम-विकास), जो पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है, यह योजना 18 मान्यता प्राप्त पारंपरिक व्यवसायों में लगे व्यक्तियों को वित्तीय सहायता, कौशल विकास और अन्य सहायता प्रदान करती है। आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल्स

पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रमुख लाभ
उन्नत कौशल प्रशिक्षण
लाभार्थियों को उनके संबंधित व्यवसायों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
प्रशिक्षण अवधि के दौरान ₹500 का दैनिक वजीफा प्रदान किया जाता है।
अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दिए जा सकते हैं।
टूलकिट सहायता
आवश्यक औज़ार और उपकरण खरीदने के लिए ₹15,000 की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाती है।
ऋण सहायत
पहले चरण में ₹1 लाख तक के बिना ज़मानत के ऋण।
इसके बाद रियायती ब्याज दर पर ₹2 लाख का दूसरा ऋण दिया जाएगा।

कौन आवेदन कर सकता है - पात्र पारंपरिक व्यवसाय
मूर्तिकार
पत्थर तराशने और तोड़ने वाले
हथौड़ा और औज़ार बनाने वाले
मोची (मोचर/मोची)
मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले
कारीगर मरम्मत करने वाले
हथियार बनाने वाले
राजमिस्त्री (राजमिस्त्री)
नाव बनाने वाले
लोहार
सुनार
खिलौने और गुड़िया बनाने वाले
नाई (बालांद)
फूल विक्रेता (मालाकार)
धोबी
दर्जी
टोकरी, चटाई और झाड़ू बनाने वाले
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