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सपा कार्यकर्ताओं ने मौलाना साजिद रशीदी से की मारपीट, अखिलेश यादव बोले– हिंसा का समर्थन नहीं करता

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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मौलाना साजिद रशीदी पर हुई मारपीट की घटना पर प्रतिक्रिया दी है। संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए अखिलेश ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी प्रकार की हिंसा के पक्ष में नहीं हैं और न ही चाहते हैं कि उनके समर्थक इस रास्ते पर चलें।

यह मामला नोएडा में मंगलवार को आयोजित एक टीवी डिबेट शो के दौरान सामने आया, जहां सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मौलाना साजिद रशीदी पर हाथ उठा दिया। दरअसल, आरोप है कि मौलाना ने मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया था, जिससे सपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। यही नहीं, इस घटना का वीडियो खुद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर साझा किया।


वीडियो शेयर कर दी सफाई

सपा छात्र सभा के गौतम बुद्ध नगर जिले के अध्यक्ष मोहित नागर ने फेसबुक पर एक वीडियो अपलोड करते हुए बताया कि वह अपने साथियों के साथ नोएडा में एक टीवी चैनल के शो में हिस्सा लेने गए थे। वहीं उनकी मौलाना साजिद रशीदी से मुलाकात हुई, जिसके दौरान डिंपल यादव पर की गई टिप्पणी को लेकर कहासुनी हो गई।


मोहित ने कहा कि इस बहस के बाद विवाद बढ़ा और कार्यकर्ताओं ने मौलाना की पिटाई कर दी। उनका यह भी दावा है कि मौलाना एक खास राजनीतिक दल के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि अगर मौलाना माफी नहीं मांगते, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मौलाना ने की पुलिस में शिकायत

इस घटना के बाद मौलाना साजिद रशीदी थाना सेक्टर-126 पहुंचे और पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई। इस मामले पर थाना प्रभारी भूपेंद्र बालियान ने कहा कि पुलिस पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच कर रही है और आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

राजनीतिक विरोध भी हुआ तेज

इस मुद्दे पर बीजेपी ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को कटघरे में खड़ा कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने लखनऊ में पोस्टर लगाकर अखिलेश की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। पोस्टर में एमएलसी सुभाष यदुवंश द्वारा तीखा सवाल किया गया है कि “जो व्यक्ति अपनी पत्नी के अपमान पर भी शांत रहता है, वह राज्य की बहनों-बेटियों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करेगा?”

पोस्टर में अखिलेश यादव और मौलाना साजिद रशीदी की तस्वीरें एक साथ दिखाई गई हैं, जिससे स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि भाजपा इस मुद्दे को चुनावी मोर्चे पर इस्तेमाल करने के मूड में है।

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