नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) अहमदाबाद ने राजस्थान और महाराष्ट्र पुलिस के साथ मिलकर एक बड़े ड्रग निर्माण और तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। 6 अगस्त 2025 को संपन्न इस ऑपरेशन में प्रतापगढ़ (राजस्थान) और रायगढ़ (महाराष्ट्र) में छापेमारी कर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और भारी मात्रा में नशीले पदार्थ, रसायन और निर्माण उपकरण बरामद किए गए।
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने सबूत मिटाने के लिए ड्रग लैब को तोड़कर 8-10 फीट गहराई में खेतों में दफ़्न कर दिया था। कुल 10 अलग-अलग फ़ार्मों में यह गुप्त प्रयोगशालाएं दबी मिलीं।
कैसे शुरू हुई जांच
यह कार्रवाई अहमदाबाद-हिम्मतनगर हाईवे पर 4.5 किलो साइकोट्रॉपिक ड्रग मिलने से शुरू हुई। सुराग प्रतापगढ़ तक पहुंचे, जहां से स्थानीय सप्लायरों को पकड़कर 6 लाख रुपये नकद जब्त किए गए, जो कथित रूप से ड्रग बिक्री से जुड़े थे।
पूछताछ में पता चला कि प्रतापगढ़ के हाथुनिया गांव का सिद्दिक खान मेव मेफ़ेड्रोन बनाने के लिए छिपे हुए लैब चला रहा था। बारमेर में तो एक भैंस के बाड़े में भी ड्रग निर्माण का काम किया जा रहा था।
बाड़मेर से रायगढ़ तक का कनेक्शन
22 जुलाई को बाड़मेर में छापेमारी के दौरान क्लोरोफॉर्म, टोल्यून और ब्रोमीन जैसे केमिकल्स से लैस एक उन्नत लैब मिली। सुराग रायगढ़, महाराष्ट्र तक पहुंचे, जहां एक सप्लायर के पास से 34 किलो पाउडर केटामाइन, 12 लीटर लिक्विड केटामाइन और अन्य रसायन बरामद हुए।
NCB और पुलिस ने सिद्दिक खान मेव, बिरजू शुक्ला और अली मोहम्मद को गिरफ्तार किया, जो मिलकर हाथुनिया लैब चलाते थे। इनका नेटवर्क रसायन और उपकरण रायगढ़ से मंगाकर राजस्थान में उत्पादन करता था, जो कई राज्यों में फैला हुआ था।
यह ऑपरेशन ड्रग माफियाओं के अंतरराज्यीय नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
You may also like
Aaj ka Meen Rashifal 10 August 2025 : मीन राशि राशिफल आज मिलेगा सितारों का साथ, करियर में बढ़ेंगे कदम
पीएम मोदी 10 अगस्त को करेंगे कर्नाटक का दौरा, 3 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को दिखाएंगे हरी झंडी
पोंटिंग को उम्मीद, एशेज सीरीज में काफी हद तक बल्लेबाजी पर निर्भर करेगी इंग्लिश टीम
यूएस टैरिफ पर बोले तहसीन पूनावाला, भारत किसी भी देश के आगे नहीं झुका
कर्नाटकः स्कूली बच्चों के पानी में कीटनाशक मिलाए जाने की घटना के बाद लाए गए नए नियम